Shri rama chalisa paath for Obstacles

विघ्न बाधा को नष्ट करने वाला श्री राम चालीसा, भगवान श्री राम को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली भक्ति काव्य है। इसे तुलसीदास जी द्वारा रचित माना जाता है। श्री राम चालीसा का पठन भक्तों को शांति, समृद्धि, और ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने में सहायता करता है।

संपूर्ण श्री राम चालीसा

श्री गणेशाय नमः

दोहा:
भाषा खग, मृग, वृन्द, सुभाऊ।
रामचंद्र के चितवत भाऊ।।
नाना भांति राम अवतारा।
रामायन सत कोटि अपारा।।

चौपाई:
श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं।
नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं।।

कंदर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं।
पट पीत मानहु तड़ित रूचि शुचि नौमि जनक सुतावरं।।

भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं।
रघुनंद आनंद कंद कोशल चंद्र दशरथ नंदनं।।

शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं।
आजानुभुज शर चाप धर संग्राम जीत खरदूषणं।।

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं।
मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खल दल गंजनं।।

दोहा:
मनोजवं मारुत तुल्य वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।
वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।

दोहा:
श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं।
नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं।।

लाभ

  1. मानसिक शांति: श्री राम चालीसा का नियमित पठन मन को शांति और संतुलन प्रदान करता है।
  2. संकटों से मुक्ति: यह स्तोत्र जीवन के संकटों और विपत्तियों से मुक्ति दिलाता है।
  3. भयमुक्त जीवन: जीवन में किसी भी प्रकार के भय का नाश होता है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: आत्मिक उन्नति होती है और भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है।
  5. धन और समृद्धि: आर्थिक स्थिरता और समृद्धि प्राप्त होती है।
  6. परिवारिक सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और सौहार्द बना रहता है।
  7. शारीरिक स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है।
  8. दुष्टों का नाश: बुरी शक्तियों और दुश्मनों का नाश होता है।
  9. कार्यक्षेत्र में सफलता: व्यवसाय और नौकरी में सफलता मिलती है।
  10. विद्या और ज्ञान की प्राप्ति: शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  11. समाज में प्रतिष्ठा: समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
  12. आत्मविश्वास में वृद्धि: जीवन में आने वाले कठिनाईयों से निपटने के लिए आत्मविश्वास मिलता है।
  13. नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा: नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
  14. प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा होती है।
  15. रोगों का नाश: विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
  16. मनोकामनाओं की पूर्ति: सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
  17. भक्ति की वृद्धि: भक्त की धार्मिकता और भक्ति बढ़ती है।
  18. सर्वांगीण विकास: जीवन के हर क्षेत्र में सर्वांगीण विकास होता है।
  19. परिवारिक विवादों का नाश: परिवार में होने वाले विवाद समाप्त होते हैं।
  20. मानसिक तनाव से मुक्ति: मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है।

विधि

  1. दिन: मंगलवार और गुरुवार को विशेष रूप से पठन करना शुभ माना जाता है।
  2. अवधि: श्री राम चालीसा का नियमित पठन एक महीने तक करना चाहिए। कुछ लोग इसे 21 दिनों तक भी करते हैं।
  3. मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) और शाम को सूर्यास्त के समय पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है।
  4. स्नान और शुद्धि: पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
  5. धूप और दीपक: भगवान राम की प्रतिमा के सामने धूप और दीपक जलाएं।
  6. प्रसाद: पाठ के बाद भगवान राम को नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।

नियम

  1. स्वच्छता: पाठ करने से पहले शरीर और स्थान की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  2. शुद्ध मन: पाठ करते समय मन को शांत और पवित्र रखें।
  3. संकल्प: श्री राम चालीसा का पाठ करने से पहले एक संकल्प लें।
  4. ध्यान: भगवान राम के ध्यान में पूरी तरह लीन होकर पाठ करें।
  5. व्रत: मंगलवार और गुरुवार को व्रत रखें तो और भी शुभ फल मिलता है।
  6. नियमितता: एक बार पाठ शुरू करने के बाद इसे नियमित रूप से समाप्त करें।
  7. सात्विक आहार: सात्विक आहार ग्रहण करें और तामसिक आहार से बचें।
  8. भक्तिपूर्ण हृदय: भगवान राम के प्रति पूर्ण भक्ति और श्रद्धा रखें।
  9. समय: निर्धारित समय पर ही पाठ करें।
  10. विनम्रता: भगवान राम से विनम्रता और प्रेमपूर्वक प्रार्थना करें।

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सावधानियाँ

  1. अव्यवधानता: पाठ के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो।
  2. अपवित्रता: पाठ करने वाले का मन और शरीर अपवित्र न हो।
  3. ध्यान की कमी: ध्यान की कमी न हो, पूरे मनोयोग से पाठ करें।
  4. गलत उच्चारण: श्लोकों का गलत उच्चारण न करें।
  5. आलस्य: आलस्य और उदासीनता से बचें।
  6. द्वेष भावना: मन में किसी के प्रति द्वेष भावना न रखें।
  7. शोर-शराबा: पाठ करते समय शोर-शराबा न हो।
  8. तामसिक वस्त्र: तामसिक वस्त्र न पहनें।
  9. अन्य कार्य: पाठ के समय अन्य कार्य न करें।
  10. समय की पाबंदी: निर्धारित समय पर ही पाठ करें।

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श्री राम चालीसा के FAQs

  1. श्री राम चालीसा क्या है?
    श्री राम चालीसा भगवान राम को समर्पित एक भक्ति काव्य है जो संकटों और विपत्तियों से मुक्ति दिलाता है।
  2. श्री राम चालीसा का पठन कब करना चाहिए?
    मंगलवार और गुरुवार को विशेष रूप से पठन करना शुभ माना जाता है।
  3. क्या श्री राम चालीसा का पठन किसी भी समय किया जा सकता है?
    हां, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त और सूर्यास्त के समय इसका पठन अधिक शुभ माना जाता है।
  4. क्या श्री राम चालीसा का पाठ करने से सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं?
    हां, इसे भक्तिपूर्वक करने से जीवन की समस्याएं दूर होती हैं।
  5. श्री राम चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
    इसे 21 दिनों या एक महीने तक नियमित रूप से करना चाहिए।
  6. क्या श्री राम चालीसा का पाठ करने से धन-संपत्ति मिल सकती है?
    हां, भगवान राम की कृपा से आर्थिक स्थिरता और समृद्धि प्राप्त होती है।
  7. क्या श्री राम चालीसा का पाठ करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
    हां, यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  8. श्री राम चालीसा का पाठ कैसे शुरू करें?
    स्नान करें, स्वच्छ कपड़े पहनें, और भगवान राम की प्रतिमा के सामने धूप और दीपक जलाकर पाठ शुरू करें।
  9. क्या श्री राम चालीसा का पाठ करते समय व्रत रखना आवश्यक है?
    व्रत रखना आवश्यक नहीं है, लेकिन इससे और अधिक शुभ फल मिलता है।
  10. क्या श्री राम चालीसा का पाठ करते समय कोई विशेष दिशा में बैठना चाहिए?
    उत्तर या पूर्व दिशा में बैठना शुभ माना जाता है।
  11. क्या श्री राम चालीसा का पाठ समूह में किया जा सकता है?
    हां, इसे समूह में भी किया जा सकता है।
  12. क्या श्री राम चालीसा का पाठ करने से भय दूर होता है?
    हां, यह भय और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति दिलाता है।

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