मुंबई के निकट वज्रेश्वरी मे शिवरात्रि के मुहुर्थ पर तंत्रोक्त विधि से रुद्राभिषेक पूजन का आयोजन हो रहा है. इसमे भगवान शिव के सभी १२ ज्योतिर्लिंग की पूजा के साथ ही रुद्राभिषेक पूजन करवाया जायेगा. ये पूजा मनुष्य के सभी पाप को नष्टकर ग्रहस्थ जीवन को सुखमय बनाती है. नजर, तंत्र बाधा व शत्रु दोष को नष्ट करती है. और नौकरी, ब्यवसाय मे सफलता मिलती है.
इसमें भाग लेने के दो तरीके है एक तो शिविर मे आकर साधना में भाग ले सकते है दूसरा आप ऑनलाइन भी भाग ले सकते हैं अगर आप भाग लेना चाहते हैं तो नीचे डिस्क्रिप्शन में लिंक दिया है वहां पर फॉर्म भरकर आप इस शिविर मे शामिल हो सकते है
RUDRABHISHEK PUJAN SHIVIR – BOOKING
रुद्राभिषेक पूजा से कई धार्मिक, आध्यात्मिक और भौतिक लाभ
- आध्यात्मिक लाभ: रुद्राभिषेक पूजा से मनुष्य का मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है। यह शांति, संतुलन और आत्मसमर्पण की भावना प्रदान करता है।
- शारीरिक लाभ: इस पूजा से शारीरिक रूप से स्वास्थ्य और ताकत मिलती है। यह रोगनिवारण और लंबी आयु के लिए भी लाभकारी होता है।
- आर्थिक लाभ: रुद्राभिषेक पूजा से आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है और धन लाभ हो सकता है। यह व्यापार में सफलता और आर्थिक संपन्नता की प्राप्ति में मदद कर सकता है।
- परिवारिक और सामाजिक लाभ: इस पूजा से परिवार में एकता और सद्भावना बनी रहती है, जो परिवार के सभी सदस्यों के लिए लाभकारी है। साथ ही, समाज में भी आपकी स्थिति में सम्मान मिल सकता है।
- आत्मिक लाभ: यह पूजा आपको अपने आप से और भगवान से जुड़ने की भावना प्रदान कर सकती है, जिससे आपका आत्मविश्वास और स्वाभिमान मजबूत होता है।
ये लाभ पूर्ण रूप से भक्ति और श्रद्धा के साथ रुद्राभिषेक की जानी चाहिए
तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा FAQ
तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव की एक विशेष और शक्तिशाली पूजा है। यह पूजा तांत्रिक विधियों के अनुसार की जाती है और इसमें भगवान शिव के रुद्र रूप का अभिषेक किया जाता है।
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा क्या है?
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव की तांत्रिक विधियों से की जाने वाली एक विशेष पूजा है जिसमें रुद्र के विभिन्न स्वरूपों का अभिषेक किया जाता है।
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- इसका मुख्य उद्देश्य भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना, मनोकामनाओं की पूर्ति, और जीवन में शांति और समृद्धि लाना है।
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के लिए कौन सा दिन शुभ होता है?
- इस पूजा के लिए सोमवार, महाशिवरात्रि, श्रावण मास के सोमवार, और प्रदोष व्रत का दिन शुभ माना जाता है।
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्री (Samagri) की आवश्यकता होती है?
- जल, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, चंदन, बेलपत्र, धतूरा, भांग, सफेद फूल, चावल, धूप, दीपक, और रुद्राक्ष माला।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा घर पर की जा सकती है?
- हां, यह पूजा घर पर भी की जा सकती है, लेकिन पूजा स्थल को पवित्र और शुद्ध रखना आवश्यक है।
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा का समय क्या होना चाहिए?
- ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) पूजा का उत्तम समय है। यदि यह संभव न हो तो सूर्योदय के समय भी पूजा की जा सकती है।
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा कितने दिनों तक करनी चाहिए?
- इसे 11, 21, 40, या 108 दिनों तक किया जा सकता है। नियमितता और श्रद्धा महत्वपूर्ण है।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान व्रत रखना आवश्यक है?
- यह आवश्यक नहीं है, लेकिन पूजा के प्रभाव को बढ़ाने के लिए व्रत रखना लाभकारी हो सकता है।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए?
- हां, पूजा के दौरान पवित्रता, सत्य, अहिंसा, और संयम का पालन करना चाहिए।
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के लाभ क्या हैं?
- मनोकामनाओं की पूर्ति, मानसिक शांति, रोग मुक्ति, आर्थिक समृद्धि, और परिवार में सुख-शांति।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान किसी प्रकार का भोग चढ़ाना चाहिए?
- हां, पूजा के दौरान पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) का भोग चढ़ाना शुभ होता है।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा करते समय किसी विशेष दिशा में बैठना चाहिए?
- हां, पूजा करते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान कोई विशेष ध्वनि (संगीत) का उपयोग करना चाहिए?
- हां, पूजा के दौरान ओम नमः शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र, और शिव तांडव स्तोत्र का उच्चारण लाभकारी होता है।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान ध्यान (Meditation) करना आवश्यक है?
- हां, पूजा के दौरान ध्यान करना मानसिक और आध्यात्मिक लाभ को बढ़ाता है।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा से किसी प्रकार का भौतिक लाभ होता है?
- हां, मानसिक शांति और संतुलन के साथ-साथ जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता प्राप्त होती है।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा में किसी गुरु की आवश्यकता होती है?
- हां, यदि संभव हो तो किसी गुरु के मार्गदर्शन में पूजा करना लाभकारी होता है।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान किसी प्रकार की बाधाएँ आ सकती हैं?
- ध्यान की कमी, मानसिक विचलन, अनुशासनहीनता, और अनियमितता पूजा में बाधा बन सकते हैं।
- क्या तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान कोई विशेष मंत्र का उच्चारण करना चाहिए?
- हां, “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” का उच्चारण करना शुभ होता है।
- क्या तांत्रोक्त रуд्राभिषेक पूजा के दौरान कोई विशेष वस्त्र धारण करना चाहिए?
- हां, पूजा के दौरान सफेद या पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है।
- तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- पूजा के दौरान पवित्रता, संयम, नियमितता, और मन की एकाग्रता का ध्यान रखना चाहिए।
तांत्रोक्त रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक शक्तिशाली माध्यम है। नियमितता, श्रद्धा, और समर्पण के साथ की गई पूजा से साधक को मनोकामनाओं की पूर्ति, मानसिक शांति, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। पूजा के दौरान पवित्रता, सत्य, और अहिंसा का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।