Transform Challenges with Durga Shabar Mantra
दुर्गा शाबर मंत्र जप विधि – सफलता, शांति और समृद्धि का सरल मार्ग
दुर्गा शाबर मंत्र को देवी दुर्गा की कृपा पाने और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। यह मंत्र देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों को समर्पित है और साधक को शक्ति, साहस, और मनोबल प्रदान करता है। शाबर मंत्रों की विशेषता यह है कि ये आम बोलचाल की भाषा में होते हैं, जिससे किसी भी व्यक्ति द्वारा आसानी से जप किए जा सकते हैं। इस मंत्र का उपयोग विशेष रूप से संकट के समय किया जाता है, जिससे साधक को शत्रुओं और विपत्तियों से रक्षा मिलती है।
दुर्गा शाबर मंत्र व उसका अर्थ
मंत्र:
॥ॐ दुं दुर्गाय जयति जयति दुर्गे महिमा अपार तुम्हारी, पल मे संकट को दे चोट करारी, दुं बटुक भैरव की आन॥
अर्थ:
- ॐ दुं दुर्गाय: इस बीज मंत्र में ‘ॐ’ से देवी दुर्गा का आह्वान किया जाता है।
- जयति जयति दुर्गे महिमा अपार तुम्हारी: हे दुर्गा माता, आपकी महिमा अपार है, आप सदैव विजय प्रदान करती हैं।
- पल में संकट को दे चोट करारी: आप क्षणभर में संकट को समाप्त कर देती हैं।
- दुं बटुक भैरव की आन: बटुक भैरव की शक्ति की कसम खाकर यह मंत्र पूर्ण होता है।
यह मंत्र साधक के जीवन से सभी नकारात्मकताओं को दूर करने के लिए जपा जाता है। देवी दुर्गा को संकटमोचन के रूप में पूजने से भक्त की हर विपत्ति का नाश होता है।
दुर्गा शाबर मंत्र के लाभ
- शत्रु का नाश
- विपरीत परिस्थितियों से मुक्ति
- मानसिक शांति
- धन और समृद्धि की प्राप्ति
- व्यापार में उन्नति
- वैवाहिक जीवन में सुख
- संतानों की सुरक्षा
- कानूनी विवादों में विजय
- स्वास्थ्य में सुधार
- घर में सुख-शांति
- नकारात्मक ऊर्जा से बचाव
- पारिवारिक क्लेश का नाश
- विद्या में उन्नति
- आत्मबल में वृद्धि
- भय और चिंता से मुक्ति
- आत्म-विश्वास की वृद्धि
- कार्यों में सफलता
दुर्गा शाबर मंत्र विधि
मंत्र जप का दिन, अवधि, और मुहूर्त
- दिन: मंत्र जप किसी शुभ दिन से आरंभ करें, जैसे नवरात्रि, सोमवार, शुक्रवार।
- अवधि: इसे लगातार ११ से २१ दिन तक जपें।
- मुहूर्त: ब्रह्ममुहूर्त (सुबह ४ बजे से ६ बजे तक) सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, या सूर्यास्त के समय जपें।
दुर्गा शाबर मंत्र जप सामग्री
- पीले वस्त्र
- कुशासन (बैठने के लिए)
- घी का दीपक
- लाल फूल
- चंदन की माला (जप के लिए)
- देवी दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा
- कुमकुम और अक्षत
- अगरबत्ती और दीपक
दुर्गा शाबर मंत्र जप संख्या
प्रत्येक दिन मंत्र का जप करते समय ११ माला का नियम रखें। प्रत्येक माला में १०८ मंत्र होते हैं, यानी रोज ११८८ मंत्रों का जप करें। इस प्रकार, मंत्र जप करते समय नियमितता और विधि का पालन करने से शक्ति प्राप्त होती है।
दुर्गा शाबर मंत्र जप के नियम
- उम्र: २० वर्ष के ऊपर के व्यक्ति जप कर सकते हैं।
- स्त्री-पुरुष: कोई भी स्त्री या पुरुष यह जप कर सकता है।
- वस्त्र: नीले या काले वस्त्र न पहनें। सफेद या पीले वस्त्र पहनें।
- आचरण: धूम्रपान, मांसाहार, या नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य: जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- शुद्धता: मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें।
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दुर्गा शाबर मंत्र जप की सावधानियां
- मंत्र जप के समय पूर्ण ध्यान और शुद्धता होनी चाहिए।
- नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- किसी के प्रति द्वेषभावना या शत्रुता न रखें।
- जप के समय मंत्र का उच्चारण सही और शुद्ध होना चाहिए।
- किसी भी प्रकार का शारीरिक या मानसिक विकार हो तो मंत्र जप न करें।
- संकल्प के साथ मंत्र जप शुरू करें और पूरा करें।
दुर्गा शाबर मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: क्या इस मंत्र का जप कोई भी कर सकता है?
उत्तर: हां, कोई भी स्त्री या पुरुष २० वर्ष से ऊपर का व्यक्ति इस मंत्र का जप कर सकता है।
प्रश्न 2: क्या मंत्र जप के दौरान नियमों का पालन आवश्यक है?
उत्तर: हां, नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक है। शुद्धता और ब्रह्मचर्य का विशेष ध्यान रखें।
प्रश्न 3: क्या नीले या काले वस्त्र पहन सकते हैं?
उत्तर: नहीं, मंत्र जप के दौरान नीले या काले वस्त्र न पहनें। सफेद या पीले वस्त्र पहनें।
प्रश्न 4: जप के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: जप के दौरान मन को शुद्ध और ध्यान को केंद्रित रखें। नकारात्मकता से बचें।
प्रश्न 5: क्या मंत्र जप के लिए किसी विशेष दिन का चयन करना चाहिए?
उत्तर: हां, शुभ दिन जैसे नवरात्रि या सोमवार को मंत्र जप शुरू करना उचित होता है।
प्रश्न 6: क्या शाबर मंत्र शक्तिशाली होते हैं?
उत्तर: हां, शाबर मंत्र अत्यंत शक्तिशाली होते हैं और साधारण भाषा में होते हैं, जिससे कोई भी जप कर सकता है।
प्रश्न 7: मंत्र जप से कितने दिन में फल मिलता है?
उत्तर: साधारणतः ११ से २१ दिन में मंत्र जप का फल मिलना शुरू हो जाता है।
प्रश्न 8: क्या मंत्र जप के दौरान परिवार से अलग रहना आवश्यक है?
उत्तर: नहीं, सामान्य जीवन जीते हुए मंत्र जप किया जा सकता है, बस आचरण में शुद्धता रखें।
प्रश्न 9: क्या मंत्र जप के समय कोई विशेष आसन का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर: हां, कुशासन या किसी शुद्ध आसन का प्रयोग करें।
प्रश्न 10: क्या इस मंत्र से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं?
उत्तर: हां, दुर्गा शाबर मंत्र से सभी प्रकार के संकट और शत्रुता दूर होती है।
प्रश्न 11: क्या देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है?
उत्तर: हां, यह मंत्र साधक को देवी दुर्गा की विशेष कृपा और आशीर्वाद प्रदान करता है।
प्रश्न 12: क्या शाबर मंत्र प्राचीन समय से चले आ रहे हैं?
उत्तर: हां, शाबर मंत्रों का प्राचीन और पवित्र इतिहास है और ये अत्यधिक प्रभावशाली माने जाते हैं।