Trayambakeshwar Mantra for Pitra & Shraap Mukti

भगवान त्र्यंबकेश्वर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। त्र्यंबकेश्वर शब्द का अर्थ है “तीन नेत्रों वाला” भगवान शिव को त्रिनेत्र भी कहा जाता है, क्योंकि उनकी तीसरी आंख उनके माथे पर स्थित है।

त्र्यंबकेश्वर महादेव, भगवान शिव का दिव्य रूप माना जाता है। इनका मदिर नासिक के पास त्र्यंबक में स्थित हैं, भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं। यह मंदिर महाराष्ट्र में स्थित है और अपने धार्मिक महत्व और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान शिव की त्रिनेत्री रूप में पूजा की जाती है, जो अज्ञान, अंधकार और बाधाओं को दूर करने वाली है।

त्र्यंबकेश्वर महादेव मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:

अर्थ:

  • : ब्रह्मांड की मौलिक ध्वनि, जो सभी ध्वनियों की जननी है।
  • त्र्यम्बकं: त्रिनेत्री भगवान शिव।
  • यजामहे: हम पूजा करते हैं।
  • सुगन्धिं: जो सुगंध फैलाते हैं।
  • पुष्टिवर्धनम्: जो आरोग्य और समृद्धि बढ़ाते हैं।
  • उर्वारुकमिव: जैसे ककड़ी अपनी बेल से अलग हो जाती है।
  • बन्धनान्: बंधनों से।
  • मृत्योर्मुक्षीय: मृत्यु से मुक्ति।
  • मामृतात्: अमरत्व की प्राप्ति।

हम भगवान शिव के त्रिनेत्री रूप को प्रणाम करते हैं, जो हमें मृत्यु के भय से मुक्त कर अमरत्व प्रदान करते हैं।

त्र्यंबकेश्वर महादेव मंत्र के लाभ

  1. कालसर्प योग: कालसर्प योग के दोषों को दूर करता है।
  2. पित्र दोष: पितरों की समस्याओं का समाधान।
  3. गंड मूल दोष: जन्मकुंडली में गंड मूल दोषों को समाप्त करता है।
  4. ग्रह दोष: ग्रहों की अशुभता को दूर करता है।
  5. तंत्र बाधा: तंत्र मंत्र और काले जादू के प्रभावों से रक्षा।
  6. शत्रु बाधा: शत्रुओं से सुरक्षा और शत्रु बाधाओं से मुक्ति।
  7. रोग मुक्ति: सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति।
  8. आर्थिक समस्या: आर्थिक तंगी और समस्याओं का समाधान।
  9. व्यापार का बंधन: व्यापार में बाधाओं को दूर करना और सफलता प्राप्त करना।
  10. कार्य सिद्धि: सभी कार्यों में सफलता और सिद्धि प्राप्त करना।
  11. संतान की सुरक्षा: बच्चों की सुरक्षा और कल्याण।
  12. धन की सुरक्षा: धन की रक्षा और वृद्धि।
  13. क्लेश मुक्ति: परिवारिक कलह और विवादों से मुक्ति।
  14. मानसिक शक्ति: मानसिक शांति और बल प्राप्त करना।
  15. आध्यात्मिक शक्ति: आध्यात्मिक जागरूकता और उन्नति।
  16. कर्ज मुक्ति: कर्ज से मुक्ति और आर्थिक स्थिरता प्राप्त करना।
  17. गृहस्थ सुख: गृहस्थ जीवन में सुख और शांति प्राप्त करना।
  18. परिवार में सुख-शांति: परिवार में सदस्यों के बीच प्रेम और सद्भावना बढ़ाना।
  19. जीवनसाथी की प्राप्ति: उपयुक्त जीवनसाथी की प्राप्ति।
  20. सफलता: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना।

त्र्यंबकेश्वर महादेव मंत्र जप के लिए आवश्यक सामग्री

  • शुद्ध जल
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर)
  • बेलपत्र
  • धतूरा
  • अक्षत (चावल)
  • चंदन
  • धूप
  • दीपक
  • फूल
  • भस्म
  • फलों का प्रसाद
  • सफेद वस्त्र
  • रुद्राक्ष माला

त्र्यंबकेश्वर महादेव मंत्र जप का मुहूर्त, दिन और अवधि

  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे) और प्रदोष काल (शाम को सूर्यास्त के बाद)।
  • दिन: सोमवार, महाशिवरात्रि, और विशेष धार्मिक त्योहार।
  • अवधि: मंत्र का जप नियमित रूप से कम से कम 21 दिनों तक करना चाहिए। न्यूनतम 108 बार जप करना उत्तम माना जाता है।

त्र्यंबकेश्वर महादेव मंत्र सावधानियाँ

  1. शुद्धता: मंत्र का जप करते समय शुद्धता का ध्यान रखें।
  2. आसन: सही और स्थिर आसन का उपयोग करें।
  3. ध्यान: ध्यान करते समय मन को एकाग्रचित रखें।
  4. नियमितता: मंत्र का जप नियमित रूप से करें, बीच में कोई अंतराल नहीं होना चाहिए।
  5. सकारात्मक सोच: जप करते समय सकारात्मक सोच और विश्वास रखें।

त्र्यंबकेश्वर महादेव मंत्र से जुड़े सामान्य प्रश्न (FAQ)

1. त्र्यंबकेश्वर मंदिर कहां स्थित है?

त्र्यंबकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र में नासिक के पास स्थित है।

2. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप किस समय करना चाहिए?

ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे) और प्रदोष काल (शाम को सूर्यास्त के बाद) में।

3. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का अर्थ क्या है?

भगवान शिव के त्रिनेत्री रूप को नमन करना, जो हमें मृत्यु के भय से मुक्त कर अमरत्व प्रदान करते हैं।

4. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?

न्यूनतम 108 बार करना चाहिए।

5. त्र्यंबकेश्वर मंत्र के जप से क्या लाभ होते हैं?

कालसर्प योग, पित्र दोष, गंड मूल दोष, ग्रह दोष, शत्रु बाधा, रोग मुक्ति, आर्थिक समस्याओं का समाधान, कार्य सिद्धि, संतान की सुरक्षा, धन की सुरक्षा, क्लेश मुक्ति, मानसिक शक्ति, अध्यात्मिक शक्ति, कर्ज मुक्ति, ग्रहस्थ सुख, परिवार में सुख-शांति।

6. क्या त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप महिलाएं कर सकती हैं?

हाँ, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं।

7. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करते समय कौन सी पूजा सामग्री आवश्यक है?

शुद्ध जल, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा, अक्षत, चंदन, धूप, दीपक, फूल, भस्म, फलों का प्रसाद, सफेद वस्त्र, और रुद्राक्ष माला।

8. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने से क्या सभी इच्छाएं पूरी होती हैं?

पूर्ण विश्वास और भक्ति के साथ जप करने से इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।

9. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप कितने दिन तक करना चाहिए?

कम से कम 21 दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए।

10. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने से आध्यात्मिक उन्नति होती है?

हाँ, इससे आध्यात्मिक जागरूकता और उन्नति होती है।

11. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप समूह में किया जा सकता है?

हाँ, समूह में भी किया जा सकता है।

12. क्या त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने से स्वास्थ्य लाभ होते हैं?

हाँ, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

13. क्या त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने से परिवार में सुख-शांति आती है?

हाँ, परिवार में सुख-शांति और प्रेम बढ़ता है।

14. क्या त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने से धन की प्राप्ति होती है?

हाँ, इससे आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।

15. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने के बाद क्या कोई विशेष प्रसाद का वितरण किया जाता है?

हाँ, पंचामृत या फलों का प्रसाद वितरित किया जा सकता है।

16. क्या त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं?

हाँ, शत्रु, तंत्र, ऊपरी बाधाएं दूर होती हैं।

17. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप किस दिन करना सबसे उत्तम है?

सोमवार और महाशिवरात्रि के दिन।

18. क्या त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप किसी भी समय किया जा सकता है?

हाँ, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त और प्रदोष काल में करना उत्तम है।

19. त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने से क्या सभी कार्य सिद्ध होते हैं?

हाँ, कार्यों में सफलता मिलती है।

20. क्या त्र्यंबकेश्वर मंत्र का जप करने से दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है?

हाँ, इससे दुर्भाग्य और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

त्र्यंबकेश्वर मंत्र भगवान शिव के त्रिनेत्री रूप की आराधना के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इसके नियमित जप से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही यह जीवन की सभी समस्याओं का समाधान करने में सहायक होता है। मंत्र का जप शुद्ध मन और पूर्ण विश्वास के साथ करें, इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।

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