Why should Bipreet Pratyangira not be used?

शत्रु को नुकसान पहुचाने वाली बिपरीत प्रत्यंगिरा देवी तंत्र शास्त्र में एक अत्यंत शक्तिशाली और उग्र देवी मानी जाती हैं। उनका प्रयोग बहुत ही सावधानी पूर्वक और विशिष्ट परिस्थितियों में किया जाता है। बिपरीत प्रत्यंगिरा का प्रयोग करना खतरनाक हो सकता है यदि सही विधि और सावधानियों का पालन न किया जाए। यहाँ कुछ कारण दिए गए हैं कि क्यों बिपरीत प्रत्यंगिरा का प्रयोग नहीं करना चाहिए:

  1. नुकसानः इस बिपरीत प्रत्यांगिरा की साधना मे आपकी पूरी उर्जा शत्रु के पास चली जाती है, इससे आपके पारिवारिक व आर्थिक व्यवहार मे लगने वाली उर्जा बहुत ही कम रह जाती है, जिससे परिवार मे समस्याये आनी शुरु हो जाती है। वाद विवाद, क्लेश परिवार मे बढ जाते है। पूजा पाठ, साधना मे मन नही लगता।
  2. उग्र शक्ति: बिपरीत प्रत्यंगिरा की शक्ति अत्यंत उग्र और विध्वंसकारी मानी जाती है। गलत तरीके से उनका आह्वान करने पर यह शक्ति नियंत्रित करना कठिन हो सकता है।
  3. आध्यात्मिक अनुशासन: बिपरीत प्रत्यंगिरा के प्रयोग के लिए अत्यधिक आध्यात्मिक अनुशासन और शुद्धता की आवश्यकता होती है। साधक को मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखनी होती है।
  4. सही मार्गदर्शन का अभाव: बिना योग्य गुरु या विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के बिपरीत प्रत्यंगिरा का प्रयोग करना बहुत जोखिम भरा हो सकता है। उचित मार्गदर्शन के बिना यह साधना साधक को नुकसान पहुँचा सकती है।
  5. नकारात्मक प्रभाव: यदि साधक से कोई त्रुटि हो जाए तो बिपरीत प्रत्यंगिरा की शक्ति साधक के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जैसे स्वास्थ्य समस्याएं, मानसिक तनाव, और अन्य समस्याएँ।
  6. विध्वंसकारी शक्तियों का आह्वान: बिपरीत प्रत्यंगिरा का आह्वान करने से विध्वंसकारी और नकारात्मक शक्तियाँ सक्रिय हो सकती हैं जो साधक के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
  7. अनुचित उद्देश्य: यदि बिपरीत प्रत्यंगिरा का प्रयोग अनुचित उद्देश्य के लिए किया जाए तो इसका परिणाम बहुत गंभीर और नकारात्मक हो सकता है।
  8. साधना में कठिनाई: बिपरीत प्रत्यंगिरा की साधना अत्यंत कठिन और जटिल होती है। साधक को इस साधना में संपूर्ण समर्पण और धैर्य की आवश्यकता होती है।
  9. समाज और परिवार पर प्रभाव: बिपरीत प्रत्यंगिरा की साधना से उत्पन्न शक्तियाँ समाज और परिवार पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।

इसलिए, बिपरीत प्रत्यंगिरा का प्रयोग बहुत ही विशेष परिस्थितियों में और योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए। साधक को इस साधना से पहले अपने उद्देश्य और परिणामों के बारे में गंभीरता से विचार कर आगे बढना चाहिए।

हमारी रायः आपको अधिकार है कि आप अपना व अपने परिवार का हित ध्यान मे रखे, इसलिये प्रत्यांगिरा साधना से अपना व अपने परिवार की सुरक्षा तो कर सकते है लेकिन शत्रुता कि भावना से बिपरीत प्रत्यांगिरा का प्रयोग आपको बहुत ही ज्यादा नुकसान पहुचा सकता है। इसलिये बिपरीत प्रत्यांगिरा का प्रयोग करना अपने दिमाग से निकाल दे।