शरीर को स्वस्थ व मनोकामना को पूर्ण करने वाले “बैद्यनाथ भैरव” शब्द का प्रयोग आम तौर पर देवघर स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक का उल्लेख करने के लिए किया जाता है। बैद्यनाथ भैरव, भगवान शिव के एक उग्र रूप हैं, जो विशेष रूप से रोगों के नाशक और स्वास्थ्य के रक्षक माने जाते हैं। इन्हें औषधियों और चिकित्सा के देवता के रूप में पूजा जाता है। बैद्यनाथ भैरव की साधना करने से साधक के जीवन में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संतुलन बना रहता है। यह साधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं।
बैद्यनाथ भैरव मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
बैद्यनाथ भैरव का मंत्र “ॐ भ्रं बैद्यनाथ भैरवाय नमः” है। इस मंत्र का अर्थ है:
- ॐ: यह परमात्मा, ब्रह्मांडीय ध्वनि, और संपूर्णता का प्रतीक है।
- भ्रं: यह बीज मंत्र है जो विशेष उर्जा का वाहक है।
- बैद्यनाथ भैरवाय: बैद्यनाथ भैरव, भगवान शिव के उस रूप को संबोधित करता है जो रोगों के नाशक और स्वास्थ्य के संरक्षक हैं।
- नमः: नमस्कार या प्रणाम का प्रतीक है।
इस प्रकार, यह मंत्र बैद्यनाथ भैरव को नमन और आह्वान करता है।
मंत्र के लाभ
- रोगों का नाश: इस मंत्र का जाप करने से साधक के सभी प्रकार के रोग समाप्त हो जाते हैं।
- स्वास्थ्य में सुधार: यह मंत्र साधक के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
- आयु वृद्धि: जीवन में दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: यह मंत्र साधक के आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
- दर्द से मुक्ति: शारीरिक और मानसिक दर्द से मुक्ति दिलाता है।
- धार्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक यात्रा को प्रगति प्रदान करता है।
- नकारात्मक उर्जा से सुरक्षा: नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
- धन-धान्य की प्राप्ति: धन और संपत्ति की प्राप्ति में सहायक।
- मानसिक शांति: मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
- दुर्घटनाओं से रक्षा: दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं से सुरक्षा।
- कार्य में सफलता: व्यवसाय और नौकरी में सफलता दिलाता है।
- वास्तु दोष निवारण: घर और कार्यस्थल के वास्तु दोषों का निवारण।
- कुंडली दोष निवारण: कुंडली के ग्रह दोषों का समाधान।
- प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: भूकंप, तूफान, बाढ़ आदि से रक्षा।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: घर और आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- परिवार में सुख-शांति: परिवार में सुख और शांति का वातावरण बनाता है।
- कानूनी मामलों में विजय: अदालत के मामलों में सफलता दिलाता है।
- धार्मिक अनुष्ठानों में सफलता: धार्मिक कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- प्रेम संबंधों में मजबूती: प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन में मजबूती प्रदान करता है।
- शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश और उनका प्रभाव समाप्त करने में सहायक।
मंत्र विधि
बैद्यनाथ भैरव मंत्र के जाप की विधि निम्नलिखित है:
दिन और अवधि
- दिन: इस मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को अधिक प्रभावी माना जाता है।
- अवधि: 11 से 21 दिनों तक इस मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए।
- मुहुर्त: ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) और रात्रि के समय (रात्रि 10 से 12 बजे) जाप के लिए उत्तम माने जाते हैं।
सामग्री
- माला: रुद्राक्ष या चंदन की माला का उपयोग किया जा सकता है।
- दीपक: तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
- अगरबत्ती: अगरबत्ती या धूप का प्रयोग करें।
- आसन: कुश का आसन या लाल कपड़े का आसन उत्तम होता है।
- जल और फूल: एक पात्र में जल और पुष्प रखें।
जप संख्या
- प्रारंभिक संख्या: प्रतिदिन एक माला (108 मंत्र) से प्रारंभ करें।
- वृद्धि: धीरे-धीरे मंत्र संख्या बढ़ाकर 11 माला (1188 मंत्र) प्रतिदिन करें।
- नियमितता: 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से जाप करें।
जप के नियम
- शुद्धि: जाप करने से पहले शरीर और मन को शुद्ध करें। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- आसन: आसन पर बैठकर स्थिर और शांत मन से मंत्र जाप करें।
- माला का प्रयोग: माला को दाएं हाथ में लेकर अनामिका और अंगूठे से जाप करें। तर्जनी का प्रयोग न करें।
- संकल्प: जाप से पहले संकल्प लें और बैद्यनाथ भैरव को प्रणाम करें।
- समय और संख्या: समय और संख्या का पालन करें। बीच में रुकावट न आने दें।
मंत्र जप की सावधानियाँ
- अशुद्धि से बचें: जाप करते समय अशुद्ध विचार और कार्यों से दूर रहें।
- अनुशासन: समय और संख्या का पालन करें। बीच में रुकावट न आने दें।
- शुद्ध स्थान: जाप के लिए स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें।
- धैर्य: धैर्य और विश्वास बनाए रखें। जल्दी परिणाम की अपेक्षा न करें।
- दिशा: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करें।
मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर
- बैद्यनाथ भैरव कौन हैं?
बैद्यनाथ भैरव भगवान शिव के एक उग्र रूप हैं और रोगों के नाशक और स्वास्थ्य के संरक्षक माने जाते हैं। - बैद्यनाथ भैरव मंत्र का अर्थ क्या है?
यह मंत्र बैद्यनाथ भैरव को नमन और आह्वान करता है। - इस मंत्र का जाप कब किया जाना चाहिए?
मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है। - मंत्र जाप के लिए कौन सी माला उपयुक्त है?
रुद्राक्ष या चंदन की माला उत्तम होती है। - मंत्र जाप से क्या लाभ होते हैं?
रोगों का नाश, स्वास्थ्य में सुधार, आयु वृद्धि आदि लाभ होते हैं। - क्या मंत्र जाप के लिए विशेष दिशा का पालन करना चाहिए?
हां, उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करना चाहिए। - जाप के दौरान क्या सावधानी रखनी चाहिए?
अशुद्ध विचार और कार्यों से दूर रहना चाहिए। - मंत्र जाप की अवधि कितनी होनी चाहिए?
11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से जाप करना चाहिए। - क्या मंत्र जाप से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
हां, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। - क्या मंत्र जाप से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है?
हां, यह नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है। - मंत्र जाप के लिए क्या सामग्री आवश्यक है?
रुद्राक्ष माला, दीपक, अगरबत्ती, आसन, जल और फूल आवश्यक हैं। - क्या मंत्र जाप से दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है?
हां, दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं से सुरक्षा मिलती है। - क्या मंत्र जाप से धन-धान्य की प्राप्ति होती है?
हां, धन और संपत्ति की प्राप्ति में सहायक होता है।