Akshay tritiya for wealth & Prosperity
अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी पूजा का बहुत महत्व होता है। एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो हर साल वैषाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन कई लोग धार्मिक और सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहते हैं और इस दिन के महत्व को समझकर कई लोग दान-धर्म करते हैं।
अक्षय तृतीया के दिन कई लोग धार्मिक कर्मों का अनुसरण करते हैं, जैसे कि पूजा, व्रत, दान आदि। इस दिन को लोग सोने, चांदी, या स्वर्ण में दान देते हैं, जिसे “अक्षय” कहा जाता है, क्योंकि यह धन सदैव बढ़ने वाला होता है। इसके अलावा, कई लोग इस दिन नए कारोबार, शुरुआतियों, या व्यापारिक परियोजनाओं की शुरुआत करते हैं, जिसे अक्षय तृतीया का महत्व माना जाता है।
इस दिन के अनुसार, धर्मिक कार्यों करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में स्थिरता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस तरह, अक्षय तृतीया धर्मिक और सामाजिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण और शुभ दिन है जिसे लोग विशेष मानते हैं।
Akshaya tritiya mantra-
॥ॐ ऐं श्रीं अक्षय लक्ष्मेय सर्व कार्य सिद्धिं देही देही क्लीं स्वाहा॥ ||OM AIM SHREEM AKSHAYA LAKSHMEYA SARVA KARYA SIDDHIM DEHI DEHI KLEEM SVAHA.
अक्षय तृतीया पूजा के लाभ
- अक्षय पुण्य की प्राप्ति: इस दिन किया गया पुण्य कर्म कभी नष्ट नहीं होता और यह जीवन भर साथ रहता है।
- धन और समृद्धि: इस दिन धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
- शुभ फल की प्राप्ति: इस दिन नए कार्यों की शुरुआत शुभ मानी जाती है और इसके परिणाम सदैव सकारात्मक होते हैं।
- सौभाग्य में वृद्धि: अक्षय तृतीया पर पूजा करने से सौभाग्य और भाग्य में वृद्धि होती है।
- सुख-शांति: इस दिन की गई पूजा से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- रोगों से मुक्ति: इस दिन पूजा करने से शरीर और मन के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- कर्ज से मुक्ति: अक्षय तृतीया पर पूजा करने से कर्ज़ से छुटकारा मिलता है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वालों के लिए यह दिन विशेष फलदायी होता है।
- विवाह में सफलता: अविवाहितों के लिए यह दिन विशेष शुभ होता है और विवाह में सफलता मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस दिन की गई पूजा से आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- प्रकृति का संरक्षण: इस दिन पेड़-पौधे लगाने से प्रकृति का संरक्षण होता है और पर्यावरण की रक्षा होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: इस दिन घर में पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- यश और कीर्ति: इस दिन पूजा करने से यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है।
- जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति: जीवन की कठिनाइयों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- धार्मिक संस्कारों में वृद्धि: इस दिन पूजा करने से धार्मिक संस्कारों में वृद्धि होती है।
अक्षय तृतीया- सामान्य प्रश्न (FAQs)
अक्षय तृतीया कब मनाई जाती है?
- अक्षय तृतीया हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है।
अक्षय तृतीया पर कौन से कार्य शुभ माने जाते हैं?
- इस दिन दान-पुण्य, नए व्यवसाय की शुरुआत, विवाह, और सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है।
क्या अक्षय तृतीया पर कोई विशेष व्रत रखा जाता है?
- हां, इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।
अक्षय तृतीया पर कौन से देवता की पूजा करनी चाहिए?
- अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
क्या अक्षय तृतीया पर विवाह करना शुभ होता है?
- हां, इस दिन बिना मुहूर्त देखे भी विवाह करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का महत्व क्या है?
- सोना खरीदने से घर में समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है।
अक्षय तृतीया पर कौन-कौन से दान देना चाहिए?
- अन्न, वस्त्र, जल, सोना, चांदी और भूमि का दान अत्यंत शुभ माना जाता है।
क्या अक्षय तृतीया पर कोई खास कथा सुनी जाती है?
- हां, इस दिन महाभारत की कहानी और भगवान विष्णु की कथा सुनना शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया का धार्मिक महत्व क्या है?
- इस दिन को त्रेतायुग के आरंभ का दिन माना जाता है, और यह दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया पर क्या खरीदना चाहिए?
- इस दिन सोना, चांदी, अन्न, और भूमि खरीदना शुभ होता है।
क्या इस दिन यात्रा करना शुभ होता है?
- हां, अक्षय तृतीया पर यात्रा करना शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया पर कौन से रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?
- इस दिन पीले और सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
क्या अक्षय तृतीया पर उपवास किया जाता है?
- हां, कुछ लोग इस दिन व्रत रखते हैं और फलाहार करते हैं।
अक्षय तृतीया का ज्योतिषीय महत्व क्या है?
- इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों उच्च के होते हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
अक्षय तृतीया पर कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
- “ॐ श्री लक्ष्म्यै नमः” और “॥ॐ ऐं श्रीं अक्षय लक्ष्मेय सर्व कार्य सिद्धिं देही देही क्लीं स्वाहा॥” का जाप करना शुभ होता है।