Varuthini ekadashi vrat for wealth & paap mukti

पाप कर्म से मुक्ति दिलाने वाला वरुथिनी एकादशी, जिसे वरूथिनी एकादशी या बरूथिनी एकादशी भी कहा जाता है, हिन्दू कैलेंडर में बैशाख माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहा जाता है। यह व्रत 4 मई 2024 को पड़ रहा है। यह एकादशी विष्णु भगवान को समर्पित है और इसे अनेक लाभ प्रदान करने वाला माना जाता है।

कहानी के अनुसार, राजा मंदाता की बेटी का नाम शूर्पणखा था। शूर्पणखा का विवाह बर्बरिका के साथ हुआ, जो बड़े ही असभ्य और नीच विचारधारा के थे। उनके दुष्ट विचारों और कर्मों के कारण उनकी संतान और परिवार में अनेक संकट आये।

एक दिन शूर्पणखा गुरु वशिष्ठ के आश्रम गई और वहां वरुथिनी एकादशी का व्रत करने के बारे मे बताया गया। शूर्पणखा व्रत का पालन किया और वरुथिनी एकादशी के दिन उपवास रखा। इस व्रत के परिणामस्वरुप, उसके पति के स्वभाव मे तेजी से परिवर्तन आना शुरु हो गया। और उसकी बुरी आदते, बुरा स्वभाव नष्ट होकर सात्विक जीवन जीने लगा।

इस प्रकार, शूर्पणखा के वचनानुसार, वरुथिनी एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में पाप मुक्ति के साथ सुख, समृद्धि, और सफलता आती है।

वरुथिनी एकादशी लाभ और महत्व:

  • वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के पाप कम होते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • इस एकादशी का व्रत करने से धन, समृद्धि, सौभाग्य, और सुख सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
  • यह व्रत भगवान विष्णु की कृपा को आकर्षित करता है और उसका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • इस एकादशी का पारण करने से भूखमरी और रोग दूर होते हैं।

इस तरह, वरुथिनी एकादशी व्रत का पालन करने से व्यक्ति को आत्मिक और मानसिक उन्नति होती है और उसे भगवान की कृपा प्राप्त होती है।