असितांग भैरव / Asitanga Bhairava Mantra for Protection

बुरी आत्माओ से सुरक्षा दिलाने वाले असितांग भैरव भगवान शिव के आठ रूपों में से एक हैं। असितांग भैरव का पूजन और उनके मंत्र का जप विशेष रूप से बुरी आत्माओं, नकारात्मक ऊर्जा, और कठिनाइयों से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है। असितांग भैरव को प्रसन्न करने से भक्तों को जीवन में सफलता, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त होती है।

असितांग भैरव मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र:

ॐ भ्रं असितांग भैरवाय नमः

अर्थ:

  • : ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक।
  • भ्रं: असितांग भैरव का बीज मंत्र, जो उनकी शक्ति और उपस्थिति का संपूर्ण प्रतीक है।
  • असितांग भैरवाय: भगवान असितांग भैरव को संबोधित।
  • नमः: नमन, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक।

इस मंत्र का संपूर्ण अर्थ है, “हे असितांग भैरव, आपको मेरा नमन।”

असितांग भैरव मंत्र के लाभ

  1. भय से मुक्ति: सभी प्रकार के भय से रक्षा करता है।
  2. शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश करता है।
  3. रोग निवारण: स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
  4. धन वृद्धि: आर्थिक समृद्धि लाता है।
  5. कर्ज मुक्ति: कर्ज से निजात दिलाता है।
  6. व्यापार में उन्नति: व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
  7. कानूनी विजय: कानूनी मामलों में विजय प्राप्त होती है।
  8. क्लेश निवारण: घरेलू और सामाजिक क्लेशों को दूर करता है।
  9. ग्रह दोष निवारण: कुंडली में ग्रह दोषों का निवारण करता है।
  10. संकट निवारण: सभी प्रकार के संकटों से रक्षा करता है।
  11. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक जागरूकता और उन्नति प्रदान करता है।
  12. संतान सुख: संतान प्राप्ति और उनके सुखी जीवन के लिए सहायक होता है।
  13. विवाह में बाधा निवारण: विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करता है।
  14. कार्य सिद्धि: सभी प्रकार के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  15. वास्तु दोष निवारण: घर और कार्यस्थल के वास्तु दोषों का निवारण करता है।
  16. नेतृत्व क्षमता: नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
  17. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से रक्षा करता है।
  18. भाग्य वृद्धि: व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि करता है।
  19. समृद्धि और सुख: जीवन में समृद्धि और सुख लाता है।
  20. मानसिक शांति: तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है।

असितांग भैरव मंत्र जप विधि

  1. मंत्र जप का दिन: शनिवार और मंगलवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  2. अवधि: कम से कम 108 बार मंत्र का जप करें। 40 दिनों तक निरंतर जप करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
  3. मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) मंत्र जप के लिए सबसे शुभ माना जाता है।

मंत्र जप के लिए सामग्री

  1. रुद्राक्ष की माला।
  2. शुद्ध वस्त्र।
  3. दीपक और धूपबत्ती।
  4. ताजे फूल।
  5. अक्षत (चावल)।
  6. कुमकुम और हल्दी।
  7. जल से भरा हुआ कलश।
  8. फल और मिठाई।

मंत्र जप के नियम

  1. शुद्धता: जप के पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. आसन: कुश के आसन पर बैठकर मंत्र जप करें।
  3. दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जप करें।
  4. ध्यान: जप करते समय असितांग भैरव के स्वरूप का ध्यान करें।
  5. नियमितता: नियमित समय पर प्रतिदिन जप करें।
  6. श्रद्धा: पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जप करें।
  7. सात्विक भोजन: सात्विक भोजन ग्रहण करें और मांसाहार से बचें।

मंत्र जप की सावधानियाँ

  1. अशुद्धता: अपवित्र स्थान या स्थिति में जप न करें।
  2. ध्यान का अभाव: जप करते समय मन को भटकने न दें।
  3. अलसी वाणी: मंत्र जप के दौरान किसी से बात न करें।
  4. अव्यवस्था: जप स्थल को साफ और व्यवस्थित रखें।
  5. भोजन: जप से पहले भारी भोजन न करें।

असितांग भैरव मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: क्या असितांग भैरव मंत्र जप से नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है? उत्तर: हाँ, इससे नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।

प्रश्न: असितांग भैरव कौन हैं?
उत्तर: असितांग भैरव भगवान शिव के उग्र और शक्तिशाली रूप हैं।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र का क्या अर्थ है?
उत्तर: असितांग भैरव मंत्र का अर्थ है “हे असितांग भैरव, आपको मेरा नमन।”

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र के जप का सबसे शुभ दिन कौन सा है?
उत्तर: शनिवार और मंगलवार।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र के जप का मुहूर्त क्या है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे)।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र के जप से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?
उत्तर: भय, शत्रु, रोग, आर्थिक समस्या, कर्ज, क्लेश, ग्रह दोष, संकट, वास्तु दोष, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र जप के दौरान किस माला का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: रुद्राक्ष माला।

प्रश्न: क्या असितांग भैरव मंत्र जप से मानसिक शांति मिलती है?
उत्तर: हाँ, इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र जप से शत्रु का नाश होता है?
उत्तर: हाँ, इससे शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र जप के दौरान किस दिशा की ओर मुख करना चाहिए?
उत्तर: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर।

प्रश्न: क्या असितांग भैरव मंत्र जप से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है?
उत्तर: हाँ, इससे आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र जप के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए?
उत्तर: शुद्धता, सात्विक भोजन, नियमितता, श्रद्धा, ध्यान।

प्रश्न: क्या असितांग भैरव मंत्र जप से स्वास्थ्य लाभ होता है?
उत्तर: हाँ, इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र जप कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: कम से कम 108 बार।

प्रश्न: क्या असितांग भैरव मंत्र जप से विवाह में बाधा दूर होती है?
उत्तर: हाँ, इससे विवाह संबंधी बाधाएँ दूर होती हैं।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र जप से कौन से ग्रह दोष दूर होते हैं?
उत्तर: सभी प्रकार के ग्रह दोषों का निवारण होता है।

प्रश्न: क्या असितांग भैरव मंत्र जप से संतान सुख प्राप्त होता है?
उत्तर: हाँ, इससे संतान सुख प्राप्त होता है।

प्रश्न: क्या असितांग भैरव मंत्र जप से वास्तु दोष दूर होते हैं?
उत्तर: हाँ, इससे वास्तु दोषों का निवारण होता है।

प्रश्न: असितांग भैरव मंत्र जप के लिए कौन सा आसन सबसे उपयुक्त है?
उत्तर: कुश का आसन।

प्रश्न: क्या असितांग भैरव मंत्र जप से नेतृत्व क्षमता बढ़ती है?
उत्तर: हाँ, इससे नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।

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