Buy now

spot_img
spot_img

Bhairav sabar mantra for protection

भैरव साबर मंत्र- चारों दिशाओं से रक्षा करने वाले

चारो दिशाओ से रक्षा करने वाले श्री भैरव साबर मंत्र का जाप भैरव बाबा की कृपा, सुरक्षा, और समस्त संकटों से बचाव के लिए किया जाता है। भैरव साबर मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जिसे तंत्र और मंत्र साधना के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मंत्र भैरव देव की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है और इसे विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए प्रयोग किया जाता है। भैरव देव को भगवान शिव का उग्र रूप माना जाता है और वे न्याय के देवता भी माने जाते हैं। भैरव साबर मंत्र साधक के जीवन में सुरक्षा, समृद्धि, और शांति लेकर आता है।

भैरव साबर मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ:

मंत्र:
॥ॐ जय भैरव बाबा, कर भक्तो की रखवाली, न करे तो माता की आन॥

मंत्र का अर्थ:

इस मंत्र में भैरव बाबा से प्रार्थना की जाती है कि वे अपने भक्तों की हर प्रकार से रक्षा करें। यह एक अत्यंत शक्तिशाली प्रार्थना है, जिसमें साधक भैरव बाबा से विनती करता है कि यदि वे भक्तों की रक्षा नहीं करते तो उनकी माता का सम्मान (आन) दांव पर लग सकता है। इस प्रकार, यह मंत्र एक भक्त और देवता के बीच अटूट विश्वास और संबंध को प्रकट करता है।

भैरव साबर मंत्र के लाभ:

  1. भय से मुक्ति: भैरव साबर मंत्र का जप करने से सभी प्रकार के भयों से मुक्ति मिलती है। यह साधक को साहस प्रदान करता है।
  2. दुश्मनों से रक्षा: यह मंत्र शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है और दुश्मनों की बुरी नजर से बचाव करता है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: इस मंत्र के नियमित जप से स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र साधक की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है और उसे आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।
  5. समृद्धि: भैरव साबर मंत्र के जप से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है और धन की कमी दूर होती है।
  6. शांति और संतोष: यह मंत्र साधक के जीवन में शांति और संतोष लेकर आता है।
  7. दुष्ट आत्माओं से रक्षा: यह मंत्र साधक को दुष्ट आत्माओं और बुरी शक्तियों से बचाव करता है।
  8. दुर्घटनाओं से बचाव: भैरव साबर मंत्र का जप करने से दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।
  9. मनोवांछित फलों की प्राप्ति: यह मंत्र साधक को उसकी इच्छाओं की पूर्ति में सहायता करता है।
  10. विवाह में बाधाओं का निवारण: इस मंत्र का जप करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
  11. वाणी की शक्ति: भैरव साबर मंत्र के जप से वाणी में शक्ति और प्रभाव आता है।
  12. संकटों से मुक्ति: यह मंत्र साधक को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति दिलाता है।
  13. कानूनी मामलों में विजय: यदि कोई व्यक्ति कानूनी मामले में फंसा हो, तो यह मंत्र उसे विजय दिलाने में सहायक होता है।
  14. कार्य में सफलता: भैरव साबर मंत्र का जप करने से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  15. रोगों से मुक्ति: यह मंत्र साधक को गंभीर रोगों से मुक्ति दिलाता है।
  16. आत्मविश्वास में वृद्धि: इस मंत्र के जप से साधक के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  17. शुभ फल की प्राप्ति: यह मंत्र साधक को शुभ फल प्रदान करता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
  18. प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा: यह मंत्र साधक को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  19. धार्मिक साधना में सफलता: भैरव साबर मंत्र साधक की धार्मिक साधना में सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है।
  20. शिव कृपा: भैरव साबर मंत्र का जप करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है।

भैरव साबर मंत्र की विधि:

भैरव साबर मंत्र का जप करने से पहले साधक को कुछ विशेष विधियों का पालन करना होता है। इन विधियों के सही तरीके से पालन करने से मंत्र के प्रभाव में वृद्धि होती है।

1. दिन और अवधि:

  • भैरव साबर मंत्र का जप किसी भी शुभ दिन से शुरू किया जा सकता है। हालाँकि, मंगलवार और शनिवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  • मंत्र का जप 11 दिन से 21 दिन तक किया जा सकता है। साधक अपनी सुविधा अनुसार अवधि का चयन कर सकता है।

2. मुहूर्त:

  • भैरव साबर मंत्र का जप सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है।
  • रात्रि में, विशेषकर मध्यरात्रि (12:00 बजे के बाद) को भी यह मंत्र जप किया जा सकता है।

3. सामग्री:

  • भैरव साबर मंत्र के जप के लिए लाल वस्त्र धारण करें।
  • एक साफ स्थान पर आसन बिछाकर बैठें।
  • भैरव देव की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  • काले तिल, काले कपड़े, और काले धागे का उपयोग पूजा सामग्री के रूप में करें।
  • मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।

4. जप विधि:

  • मंत्र का जप ध्यानमग्न होकर करें। साधक का मन और शरीर दोनों ही शुद्ध और शांत होना चाहिए।
  • प्रतिदिन एक माला यानी 108 बार से लेकर 11 माला यानी 1188 बार मंत्र का जप करें।
  • साधक को जप के समय अपने गुरु या इष्ट देवता का ध्यान करना चाहिए।

know more about bhairav mantra vidhi

भैरव साबर मंत्र जप के नियम:

  1. नियमितता: मंत्र जप के दौरान नियमितता बनाए रखें। एक भी दिन बिना जप किए न छोड़ें।
  2. शुद्धता: मंत्र जप के समय मन और शरीर की शुद्धता अत्यंत आवश्यक है। स्नान के बाद ही मंत्र जप करें।
  3. सात्विक आहार: साधक को सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए। तामसिक और राजसिक भोजन से बचें।
  4. ध्यान: मंत्र जप के समय ध्यानमग्न होना आवश्यक है। ध्यान भटकने से बचें और एकाग्रता बनाए रखें।
  5. मौन व्रत: साधक को जप के समय मौन व्रत धारण करना चाहिए। इससे मंत्र की शक्ति बढ़ती है।
  6. भक्ति: मंत्र जप के समय साधक का मन पूरी तरह से भक्ति में लीन होना चाहिए। भैरव बाबा के प्रति अटूट श्रद्धा रखें।
  7. व्रत: मंत्र जप के दौरान साधक व्रत का पालन कर सकता है। यह व्रत किसी भी प्रकार का हो सकता है, जैसे उपवास, एक समय भोजन आदि।
  8. पूजा स्थल की शुद्धता: जिस स्थान पर मंत्र जप किया जाता है, उसकी शुद्धता का ध्यान रखें। पूजा स्थल पर सफाई और पवित्रता बनाए रखें।
  9. निर्धारित समय: मंत्र जप का समय निश्चित होना चाहिए। प्रतिदिन एक ही समय पर मंत्र जप करें।
  10. अध्यात्मिक साधना: भैरव साबर मंत्र जप के दौरान अन्य आध्यात्मिक साधनाओं, जैसे ध्यान, प्राणायाम, और योग का भी अभ्यास करें।

Bhairav Sabar Mantra Video

भैरव साबर मंत्र जप के दौरान सावधानियाँ:

  1. नकारात्मक सोच से बचें: मंत्र जप के दौरान नकारात्मक विचारों से बचें। यदि कोई नकारात्मक विचार आए तो उसे तुरंत हटा दें।
  2. मंत्र का उच्चारण सही करें: मंत्र का सही उच्चारण अत्यंत आवश्यक है। गलत उच्चारण से मंत्र की शक्ति कम हो जाती है।
  3. अन्य कार्यों से दूर रहें: मंत्र जप के दौरान अन्य कार्यों से दूरी बनाए रखें। ध्यान भंग न होने दें।
  4. गुरु का मार्गदर्शन: मंत्र जप के दौरान गुरु का मार्गदर्शन लेना लाभकारी होता है। बिना गुरु की अनुमति के मंत्र जप न करें।
  5. मंत्र जप का गुप्त रहस्य: मंत्र जप का रहस्य दूसरों को न बताएं। इसे गुप्त रखें।
  6. मंत्र जप का स्थान बदलें नहीं: जहां पर मंत्र जप शुरू किया गया है, उसी स्थान पर उसे पूरा करें। स्थान बदलने से मंत्र की शक्ति प्रभावित होती है।
  7. ध्यान की स्थिति: मंत्र जप के दौरान ध्यान की स्थिति बनाए रखें। अगर ध्यान भटक जाए तो इसे तुरंत ठीक करें।
  8. नियम का पालन: मंत्र जप के दौरान सभी नियमों का पालन करें। नियम भंग होने से मंत्र का प्रभाव कम हो जाता है।
  9. मंत्र जप की समाप्ति: मंत्र जप की समाप्ति के बाद भैरव देव का ध्यान करें और उन्हें प्रणाम करें।
  10. व्रत और उपवास: मंत्र जप के दौरान व्रत और उपवास का पालन करना आवश्यक है। इससे मंत्र की शक्ति बढ़ती है।

spiritual store

भैरव साबर मंत्र से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर:

  1. प्रश्न: भैरव साबर मंत्र का जप कब करना चाहिए?
    उत्तर: इस मंत्र का जप किसी भी शुभ दिन से शुरू किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  2. प्रश्न: क्या मंत्र का जप रात्रि में भी किया जा सकता है?
    उत्तर: हाँ, भैरव साबर मंत्र का जप रात्रि में, विशेषकर मध्यरात्रि के बाद किया जा सकता है।
  3. प्रश्न: मंत्र जप के लिए कौन सी माला का उपयोग करना चाहिए?
    उत्तर: मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग किया जाता है।
  4. प्रश्न: भैरव साबर मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
    उत्तर: इस मंत्र का जप 11 से 21 दिन तक किया जा सकता है।
  5. प्रश्न: मंत्र जप की संख्या कितनी होनी चाहिए?
    उत्तर: साधक प्रतिदिन एक माला (108 बार) से लेकर 11 माला (1188 बार) तक मंत्र का जप कर सकता है।
  6. प्रश्न: मंत्र जप के दौरान कौन से वस्त्र पहनने चाहिए?
    उत्तर: मंत्र जप के समय लाल वस्त्र धारण करना चाहिए।
  7. प्रश्न: क्या मंत्र जप के दौरान मौन व्रत आवश्यक है?
    उत्तर: हाँ, मंत्र जप के दौरान मौन व्रत धारण करने से मंत्र की शक्ति बढ़ती है।
  8. प्रश्न: क्या मंत्र जप के दौरान विशेष आहार का पालन करना चाहिए?
    उत्तर: हाँ, साधक को सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए और तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
  9. प्रश्न: क्या भैरव साबर मंत्र से आर्थिक समृद्धि प्राप्त की जा सकती है?
    उत्तर: हाँ, इस मंत्र का जप करने से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है।
  10. प्रश्न: मंत्र जप के समय ध्यान में क्या करना चाहिए?
    उत्तर: मंत्र जप के समय साधक को अपने गुरु या इष्ट देवता का ध्यान करना चाहिए।
  11. प्रश्न: मंत्र जप के दौरान कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए?
    उत्तर: मंत्र जप के दौरान नकारात्मक सोच से बचना चाहिए और सही उच्चारण का ध्यान रखना चाहिए।
  12. प्रश्न: क्या मंत्र जप के बाद विशेष पूजा करनी चाहिए?
    उत्तर: हाँ, मंत्र जप के बाद भैरव देव की पूजा करनी चाहिए और उन्हें भोग अर्पित करना चाहिए।
  13. प्रश्न: क्या मंत्र जप का स्थान बदलना चाहिए?
    उत्तर: नहीं, मंत्र जप का स्थान बदलने से मंत्र की शक्ति प्रभावित होती है। इसलिए स्थान को बदलना नहीं चाहिए।
  14. प्रश्न: क्या मंत्र जप के दौरान अन्य धार्मिक साधनाएँ करनी चाहिए?
    उत्तर: हाँ, मंत्र जप के दौरान ध्यान, प्राणायाम, और योग का अभ्यास करना लाभकारी होता है।
  15. प्रश्न: मंत्र जप के समय कौन सी सामग्री का उपयोग करना चाहिए?
    उत्तर: साधक को मंत्र जप के समय काले तिल, काले कपड़े, और काले धागे का उपयोग करना चाहिए।
  16. प्रश्न: क्या मंत्र जप के दौरान गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक है?
    उत्तर: हाँ, गुरु का मार्गदर्शन मंत्र जप के दौरान अत्यंत आवश्यक है।
  17. प्रश्न: क्या भैरव साबर मंत्र के जप से दुष्ट आत्माओं से रक्षा होती है?
    उत्तर: हाँ, इस मंत्र का जप साधक को दुष्ट आत्माओं और बुरी शक्तियों से बचाव करता है।
  18. प्रश्न: क्या मंत्र जप के दौरान किसी प्रकार का व्रत आवश्यक है?
    उत्तर: हाँ, साधक व्रत का पालन कर सकता है, जैसे उपवास या एक समय भोजन।
  19. प्रश्न: क्या मंत्र जप के दौरान नियम भंग होने से मंत्र का प्रभाव कम हो सकता है?
    उत्तर: हाँ, नियम भंग होने से मंत्र की शक्ति कम हो जाती है, इसलिए सभी नियमों का पालन करना चाहिए।
  20. प्रश्न: मंत्र जप की समाप्ति के बाद क्या करना चाहिए?
    उत्तर: मंत्र जप की समाप्ति के बाद भैरव देव का ध्यान करें, उन्हें प्रणाम करें और उन्हें धन्यवाद दें।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Choose Pujan Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency