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भूतनाथ भैरव / Bhoothnath Bhairav Mantra For Protection

भूतनाथ भैरव मंत्र – बाधाओं को दूर करने और कार्य सिद्धि के लिए एक शक्तिशाली उपाय

भूतनाथ भैरव मंत्र भगवान भैरव के भूतनाथ रूप की उपासना के लिए किया जाता है। भूतनाथ का अर्थ है “भूतों के स्वामी”, और यह भगवान शिव के भैरव रूप का एक भयानक रूप है जो सभी नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं को दूर करता है। भूतनाथ भैरव की उपासना से भक्त को अदृश्य शक्तियों, भूत-प्रेत बाधाओं, और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा मिलती है। भूतनाथ भैरव मंत्र का सही तरीके से जप करने से जीवन में आने वाली सभी प्रकार की कठिनाइयों से मुक्ति प्राप्त होती है और कार्य सिद्धि के मार्ग प्रशस्त होते हैं।

भूतनाथ भैरव मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:
“ॐ भ्रं भूतनाथ भैरवाय सर्व कार्य सिद्धये क्लीं नमः”

अर्थ:

  • “ॐ” सर्वशक्तिमान ईश्वर का प्रतीक है।
  • “भ्रं” भूतनाथ भैरव का बीज मंत्र है, जो उनकी शक्ति और उपस्थिति को जागृत करता है।
  • “भूतनाथ भैरवाय” भूतनाथ भैरव को समर्पण के साथ प्रणाम।
  • “सर्व कार्य सिद्धये” सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए।
  • “क्लीं” कामना और सिद्धि का बीज मंत्र है, जो कार्य सिद्धि में सहायक होता है।
  • “नमः” श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है।

भूतनाथ भैरव मंत्र के लाभ

  1. भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
  2. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा होती है।
  3. घर में शांति और समृद्धि आती है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  5. शत्रुओं का नाश होता है।
  6. कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  7. मनोबल और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  8. आर्थिक लाभ की प्राप्ति होती है।
  9. रोगों से छुटकारा मिलता है।
  10. व्यापार में प्रगति होती है।
  11. परिवारिक कलह समाप्त होते हैं।
  12. यात्रा के दौरान सुरक्षा प्राप्त होती है।
  13. कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय मिलती है।
  14. मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  15. दुष्ट व्यक्तियों से सुरक्षा मिलती है।
  16. संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  17. जीवन में सुख और शांति का अनुभव होता है।

भूतनाथ भैरव मंत्र विधि

भूतनाथ भैरव मंत्र का जप करने के लिए उचित विधि और नियमों का पालन करना आवश्यक है ताकि इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सके।

मंत्र जप का दिन, अवधि, और मुहूर्त

भूतनाथ भैरव मंत्र का जप मंगलवार और शनिवार को करना विशेष फलदायी होता है।
अवधि: मंत्र का जप ११ से २१ दिनों तक प्रतिदिन किया जाना चाहिए।
मुहूर्त: ब्रह्ममुहूर्त (सुबह ४-६ बजे) में जप करना श्रेष्ठ है। रात्रि के समय भैरव अष्टमी या कालाष्टमी पर मंत्र जप विशेष फलदायी होता है।

मंत्र जप संख्या

प्रत्येक दिन ११ माला (११८८ मंत्र) का जप करना चाहिए। रुद्राक्ष माला का उपयोग करना शुभ माना जाता है।

मंत्र जप की सामग्री

  1. काले या सफेद ऊनी आसन।
  2. रुद्राक्ष या हकीक माला।
  3. तिल का तेल या सरसों के तेल का दीपक।
  4. गुड़, नारियल या फल भोग के रूप में।
  5. घंटा (घंटी)।
  6. तांबे के पात्र में शुद्ध जल।
  7. काले तिल का हवन।

मंत्र जप के नियम

  1. साधक की उम्र २० वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
  6. जप के दौरान सकारात्मक विचार रखें और मन को एकाग्र करें।

मंत्र जप में सावधानियां

  1. जप के समय शांत और शुद्ध वातावरण में बैठें।
  2. मंत्र का सही उच्चारण करें।
  3. जप के दौरान अन्य विचारों से बचें और ध्यान केंद्रित करें।
  4. किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से दूर रहें।
  5. मंत्र जप में अनुशासन बनाए रखें और नियमित रूप से जप करें।
  6. जप समाप्त होने के बाद भगवान भैरव से क्षमा याचना करें।

भूतनाथ भैरव मंत्र से जुड़े १२ प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: क्या भूतनाथ भैरव मंत्र सभी के लिए उपयुक्त है?

उत्तर: हाँ, भूतनाथ भैरव मंत्र का जप सभी कर सकते हैं, चाहे वे स्त्री हों या पुरुष, बशर्ते वे नियमों का पालन करें।

प्रश्न 2: इस मंत्र का जप कब किया जाना चाहिए?

उत्तर: मंत्र का जप सुबह ब्रह्ममुहूर्त (४-६ बजे) में या रात्रि के समय भैरव अष्टमी और कालाष्टमी पर किया जा सकता है।

प्रश्न 3: मंत्र जप के लिए किस प्रकार के वस्त्र पहनने चाहिए?

उत्तर: मंत्र जप के समय सफेद या लाल वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, काले या नीले वस्त्रों से बचना चाहिए।

प्रश्न 4: क्या मंत्र जप के दौरान विशेष आहार का पालन करना आवश्यक है?

उत्तर: हाँ, मंत्र जप के दौरान सात्विक भोजन करें और धूम्रपान, मद्यपान तथा मांसाहार से दूर रहें।

प्रश्न 5: क्या भूतनाथ भैरव मंत्र आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है?

उत्तर: हाँ, यह मंत्र आर्थिक समस्याओं को दूर कर समृद्धि और व्यापार में सफलता दिलाता है।

प्रश्न 6: यदि मंत्र जप में कोई गलती हो जाए तो क्या करना चाहिए?

उत्तर: यदि मंत्र जप में गलती हो जाए तो भगवान भैरव से क्षमा याचना करें और पुनः सही तरीके से जप करें।

प्रश्न 7: क्या स्त्रियाँ इस मंत्र का जप कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, स्त्रियाँ भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं, लेकिन मासिक धर्म के दौरान जप से बचना चाहिए।

प्रश्न 8: क्या भूतनाथ भैरव मंत्र भूत-प्रेत बाधाओं को दूर करता है?

उत्तर: हाँ, भूतनाथ भैरव मंत्र विशेष रूप से भूत-प्रेत बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने में सहायक होता है।

प्रश्न 9: इस मंत्र का जप कितने दिन तक करना चाहिए?

उत्तर: इस मंत्र का जप कम से कम ११ दिन और अधिकतम २१ दिन तक किया जाना चाहिए।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का जप घर पर किया जा सकता है?

उत्तर: हाँ, यह मंत्र घर पर किया जा सकता है, बशर्ते शांति और शुद्धता का ध्यान रखा जाए।

प्रश्न 11: क्या मंत्र जप के दौरान कोई विशेष पूजा सामग्री आवश्यक होती है?

उत्तर: हाँ, रुद्राक्ष माला, तिल का तेल, और गुड़ जैसी वस्तुओं का उपयोग करना शुभ माना जाता है।

प्रश्न 12: क्या मंत्र जप के समय मन की एकाग्रता आवश्यक है?

उत्तर: हाँ, मन की एकाग्रता और शुद्धता मंत्र जप के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, ताकि मंत्र का पूरा लाभ मिल सके।

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