Buy now

spot_img
spot_img

Durga Raksha Kavach Mantra -Unlock Divine Protection

दुर्गा रक्षा कवच मंत्र: शक्ति और सुरक्षा प्राप्त करें

दुर्गा रक्षा कवच मंत्र एक शक्तिशाली साधना है, जो व्यक्ति को हर प्रकार की नकारात्मकता, शत्रुओं, और विपत्तियों से सुरक्षा प्रदान करती है। यह मंत्र देवी दुर्गा की कृपा से साधक को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा का कवच प्रदान करता है। “ॐ दुं दुर्गाय माम् चतुर्दिशः रक्षतु कुरु कुरु नमः” मंत्र के द्वारा साधक देवी दुर्गा से चारों दिशाओं में सुरक्षा की प्रार्थना करता है, जिससे वह हर प्रकार के संकट से मुक्त रहता है।

विनियोग मंत्र

विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री दुर्गा रक्षा कवच मंत्रस्य श्री महादुर्गा ऋषिः। अनुष्टुप् छंदः। श्री महादुर्गा देवता। मम सर्ववांछितार्थ सिद्धये मंत्र जपे विनियोगः।”
यह मंत्र साधना के प्रारंभ में उच्चारित किया जाता है, ताकि साधक का ध्यान केंद्रित रहे और मंत्र की ऊर्जा प्रवाहित हो सके।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ उत्तराय नमः, पूर्वाय नमः, दक्षिणाय नमः, पश्चिमाय नमः, आग्नेयाय नमः, वायव्याय नमः, नैर्ऋत्याय नमः, ईशानाय नमः, ऊर्ध्वाय नमः, अधोक्षजाय नमः।”

दसों दिशाओ की तरफ मुंह करके इस मंत्र का जप करे।
अर्थ:
इस मंत्र का अर्थ है कि साधक सभी दिशाओं में सुरक्षा का आशीर्वाद मांगता है। यह साधना के दौरान एक सुरक्षा कवच बनाता है, जो साधक को बाहरी नकारात्मक शक्तियों से बचाता है।

दुर्गा रक्षा कवच मंत्र व उसका अर्थ

ॐ दुं दुर्गाय माम् चतुर्दिशः रक्षतु कुरु कुरु नमः।

अर्थ:
इस मंत्र का अर्थ है कि साधक देवी दुर्गा से प्रार्थना कर रहा है कि वह उसे चारों दिशाओं (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम) से सुरक्षा प्रदान करें। “कुरु कुरु” का अर्थ है— इसे करो, इसे सिद्ध करो। साधक देवी से अनुरोध करता है कि वे उसकी सुरक्षा की प्रार्थना को तुरंत पूर्ण करें।

मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: यह शब्द ब्रह्मा का प्रतीक है और इसे सभी मंत्रों की शुरुआत में उच्चारित किया जाता है।
  • दुं: यह देवी दुर्गा का बीज मंत्र है, जो शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है।
  • दुर्गाय: यह शब्द देवी दुर्गा के प्रति संबोधन करता है, जो सभी बुराइयों और नकारात्मकताओं से रक्षा करती हैं।
  • माम्: इसका अर्थ है ‘मुझे’। साधक यह प्रार्थना कर रहा है कि देवी उसे अपनी कृपा से सुरक्षित रखें।
  • चतुर्दिशः: इसका अर्थ है ‘चारों दिशाओं’। साधक देवी से चारों दिशाओं में सुरक्षा की कामना करता है।
  • रक्षतु: इसका अर्थ है ‘रक्षा करें’। यह देवी से सुरक्षा की प्रार्थना है।
  • कुरु कुरु: इसका अर्थ है ‘इसे करो’। साधक देवी से शीघ्रता से सुरक्षा देने की विनती करता है।
  • नमः: यह नमस्कार का प्रतीक है, जो विनम्रता और श्रद्धा के साथ देवी को समर्पित किया जाता है।

मंत्र सुरक्षाः

दुर्गा रक्षा कवच मंत्र साधक को चारों दिशाओं से सुरक्षा प्रदान करने की देवी दुर्गा से प्रार्थना करता है। यह मंत्र साधक को मानसिक और शारीरिक सुरक्षा का कवच प्रदान करता है, जिससे वह हर प्रकार की नकारात्मकता और विपत्तियों से सुरक्षित रहता है। नियमित रूप से इस मंत्र का जप करने से साधक को शक्ति, साहस और आत्मविश्वास मिलता है।

Durga raksha kavach- video

दुर्गा रक्षा कवच मंत्र के लाभ

  1. नकारात्मकता से सुरक्षा: यह मंत्र साधक को नकारात्मकता से बचाता है।
  2. शत्रुओं से रक्षा: शत्रुओं के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
  3. मानसिक शांति: मानसिक तनाव को कम करता है।
  4. शारीरिक सुरक्षा: स्वास्थ्य और सुरक्षा में सुधार लाता है।
  5. आर्थिक समृद्धि: आर्थिक कठिनाइयों से मुक्ति देता है।
  6. सामाजिक प्रतिष्ठा: सामाजिक जीवन में प्रतिष्ठा बढ़ाता है।
  7. आध्यात्मिक विकास: आध्यात्मिक प्रगति में सहायक।
  8. परिवार में शांति: पारिवारिक संबंधों में सुधार लाता है।
  9. कर्म में सफलता: कार्यों में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।
  10. प्रेम संबंधों में मजबूती: प्रेम संबंधों में स्थिरता लाता है।
  11. बुरी नजर से रक्षा: बुरी नजर से बचाता है।
  12. दुख-दर्द से मुक्ति: शारीरिक और मानसिक दर्द से राहत।
  13. स्वास्थ्य में सुधार: स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव लाता है।
  14. आत्मविश्वास में वृद्धि: आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  15. अवसाद से बचाव: अवसाद से दूर रखता है।
  16. सुरक्षा का अहसास: साधक को सुरक्षा का अहसास दिलाता है।
  17. जीवन में खुशियों का संचार: जीवन में खुशियों का संचार करता है।

पूजा सामग्री व मंत्र विधि

दुर्गा रक्षा कवच मंत्र जप के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • साफ वस्त्र
  • दुर्गा माता की प्रतिमा या चित्र
  • चंदन, धूप, दीपक, फूल, लाल चंदन की माला
  • सिंदूर, अक्षत (चावल)

मंत्र जप की विधि:

  1. ब्रह्ममुहूर्त में साफ वस्त्र पहनकर देवी दुर्गा की पूजा करें।
  2. ध्यान कर देवी दुर्गा का स्मरण करें।
  3. उपरोक्त विनियोग मंत्र पढ़कर साधना शुरू करें।
  4. दुर्गा रक्षा कवच मंत्र “ॐ दुं दुर्गाय माम् चतुर्दिशः रक्षतु कुरु कुरु नमः” का ११ माला (११८८ मंत्र) प्रतिदिन जप करें।

know more about durga ashtami vrat vidhi

मंत्र जप के नियम व सावधानियाँ

  • मंत्र जप के लिए २० वर्ष से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष कोई भी साधना कर सकते हैं।
  • ब्लू या ब्लैक कपड़े न पहनें, लाल या सफेद वस्त्र का प्रयोग करें।
  • धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • मंत्र जप सुबह 4-6 बजे के बीच करें।
  • लगातार ११ से २१ दिन तक इस मंत्र का जप करें।

spiritual store

दुर्गा रक्षा कवच मंत्र प्रश्न-उत्तर

1. दुर्गा रक्षा कवच मंत्र से क्या लाभ होते हैं?

उत्तर: यह मंत्र साधक को नकारात्मकता, शत्रुओं, और विपत्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है और जीवन में खुशियों का संचार करता है।

2. क्या स्त्रियाँ भी यह मंत्र जप कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, २० वर्ष से ऊपर की स्त्रियाँ और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।

3. मंत्र जप के दौरान क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?

उत्तर: साधक को ब्लू या ब्लैक कपड़े नहीं पहनने चाहिए, ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, और धूम्रपान, मद्यपान तथा मांसाहार से दूर रहना चाहिए।

4. मंत्र जप कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र का जप लगातार ११ से २१ दिन तक किया जाना चाहिए, और प्रतिदिन ११ माला (११८८ मंत्र) जप करना चाहिए।

5. क्या मंत्र जप के दौरान विशेष वस्त्र पहनने चाहिए?

उत्तर: हाँ, मंत्र जप के दौरान लाल या सफेद वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है।

6. क्या इस मंत्र का प्रभाव तत्काल दिखता है?

उत्तर: मंत्र का प्रभाव साधना, श्रद्धा, और नियम पालन पर निर्भर करता है। नियमित जप से धीरे-धीरे सकारात्मक परिणाम दिखने लगते हैं।

7. दुर्गा रक्षा कवच मंत्र के कौन-कौन से लाभ हैं?

उत्तर: इस मंत्र के प्रमुख लाभों में नकारात्मकता से सुरक्षा, शत्रुओं से रक्षा, मानसिक शांति, और आर्थिक समृद्धि शामिल हैं।

8. क्या मंत्र जप के दौरान ध्यान का महत्व है?

उत्तर: हाँ, मंत्र जप के दौरान ध्यान बहुत महत्वपूर्ण है। यह साधक की मनोबल को बढ़ाता है और साधना को सफल बनाता है।

9. क्या दुर्गा रक्षा कवच मंत्र का जप करना अनिवार्य है?

उत्तर: हाँ, यदि आप दुर्गा माता की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपने जीवन में सुरक्षा चाहते हैं, तो इस मंत्र का जप करना अनिवार्य है।

10. क्या मंत्र जप का समय भी महत्वपूर्ण है?

उत्तर: हाँ, मंत्र जप का सबसे शुभ समय ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) होता है।

11. क्या मंत्र जप से अन्य पूजा-पाठ में भी लाभ होता है?

उत्तर: हाँ, दुर्गा रक्षा कवच मंत्र का जप अन्य पूजा-पाठ में भी सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा का आशीर्वाद देता है।

12. दुर्गा रक्षा कवच मंत्र से किस प्रकार की सुरक्षा मिलती है?

उत्तर: यह मंत्र मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे साधक हर प्रकार के संकट से सुरक्षित रहता है।

spot_img
spot_img

Related Articles

Stay Connected

65,000FansLike
782,365SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency