Mahalakshmi Stotra - Path to Wealth and Prosperity

Mahalakshmi Stotra – Path to Wealth and Prosperity

महालक्ष्मी स्तोत्र: धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने का अचूक उपाय

महालक्ष्मी स्तोत्र की शुरुआत स्वयं भगवान इंद्र ने की थी जब वे महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए साधना कर रहे थे। यह स्तोत्र धन, समृद्धि, ऐश्वर्य और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली माना जाता है। महालक्ष्मी स्तोत्र के नियमित पाठ से मां लक्ष्मी की असीम कृपा प्राप्त होती है।

महालक्ष्मी स्तोत्र

ॐ ऐं श्री महालक्ष्म्यै नमः।

नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शङ्खचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥1॥

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।
सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥2॥

सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयंकरि।
सर्वदुःखहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥3॥

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।
मन्त्रमूर्ते सदा देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥4॥

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।
योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥5॥

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।
महापापहरे देवि महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥6॥

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणि।
परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥7॥

श्वेताम्बरधरे देवि नानालङ्कारभूषिते।
जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मि नमोऽस्तु ते॥8॥

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं यः पठेद्भक्तिमान्नरः।
सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा॥9॥

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।
द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्यसमन्वितः॥10॥

त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।
महालक्ष्मिर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा॥11॥

महालक्ष्मी स्तोत्र का अर्थ

1- महामाया देवी को प्रणाम, जो श्रीपीठ पर विराजमान हैं, और देवताओं द्वारा पूजित हैं। आपके हाथों में शंख, चक्र और गदा हैं। हे महालक्ष्मी, आपको नमस्कार।

2- गरुड़ पर सवार देवी, जो कोलासुर राक्षस का नाश करने वाली हैं। सभी पापों का नाश करने वाली देवी, आपको प्रणाम।

3- सर्वज्ञानी देवी, जो सभी वरदान देने वाली हैं और दुष्टों को भयभीत करने वाली हैं। दुःखों को हरने वाली देवी महालक्ष्मी, आपको नमस्कार।

4- सिद्धि और बुद्धि प्रदान करने वाली देवी, जो भौतिक और आध्यात्मिक सुख की दाता हैं। मंत्रस्वरूपा देवी, आपको प्रणाम।

5- आदि और अंत से रहित, आदि शक्ति, महेश्वर की शक्ति, योग से उत्पन्न देवी, आपको प्रणाम।

6- स्थूल और सूक्ष्म रूपों में प्रकट होने वाली देवी, जो अत्यंत रौद्र और महाशक्ति से संपन्न हैं, सभी पापों का नाश करने वाली महालक्ष्मी, आपको प्रणाम।

7- कमलासन पर विराजमान देवी, जो परब्रह्म स्वरूप हैं। हे जगत की माता, महालक्ष्मी, आपको प्रणाम।

8- श्वेत वस्त्र धारण करने वाली और आभूषणों से अलंकृत देवी, जो समस्त संसार की पालनकर्ता हैं। हे जगन्माता, महालक्ष्मी, आपको नमस्कार।

9- जो भक्त इस महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्र का पाठ करता है, उसे सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं और उसे सदा राज्य की प्राप्ति होती है।

10- जो व्यक्ति एक बार पाठ करता है, उसके बड़े से बड़े पाप नष्ट हो जाते हैं। जो व्यक्ति दिन में दो बार पाठ करता है, उसे धन और धान्य की प्राप्ति होती है।

11- जो व्यक्ति दिन में तीन बार पाठ करता है, उसके बड़े से बड़े शत्रु भी नष्ट हो जाते हैं। महालक्ष्मी देवी सदा उसके ऊपर प्रसन्न रहती हैं और उसे शुभ वरदान प्रदान करती हैं।

महालक्ष्मी स्तोत्र के लाभ

  1. धन की वृद्धि
  2. परिवार में सुख-शांति
  3. व्यापार में उन्नति
  4. शत्रुओं पर विजय
  5. पापों का नाश
  6. सिद्धि और बुद्धि की प्राप्ति
  7. मोक्ष की प्राप्ति
  8. रोगों से मुक्ति
  9. असुरों का नाश
  10. संतान प्राप्ति
  11. विवाह में सफलता
  12. मानसिक शांति
  13. जीवन में स्थिरता
  14. आर्थिक समस्याओं का समाधान
  15. अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति
  16. समृद्धि और वैभव की प्राप्ति
  17. आत्मिक उन्नति

महालक्ष्मी स्तोत्र विधि

  • दिन: शुक्रवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
  • अवधि: 41 दिनों तक नियमित रूप से सुबह या शाम इस स्तोत्र का पाठ करें।
  • मुहूर्त: ब्रह्ममुहूर्त या प्रदोष काल में पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

महालक्ष्मी स्तोत्र नियम

  1. पूजा को गुप्त रखें।
  2. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  3. स्वच्छ और पवित्र वस्त्र पहनें।
  4. देवी लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।
  5. साधना में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति रखें।

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महालक्ष्मी स्तोत्र सावधानियां

  1. पाठ के समय आसन का प्रयोग करें।
  2. किसी प्रकार की अधूरी साधना न करें।
  3. मन को एकाग्र रखें, ध्यान भटकने न दें।
  4. साधना के दौरान किसी को इसके बारे में न बताएं।
  5. देवी की कृपा पाने के लिए सच्चे मन से स्तोत्र का पाठ करें।

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महालक्ष्मी स्तोत्र पाठ: प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: महालक्ष्मी स्तोत्र का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: महालक्ष्मी स्तोत्र का उद्देश्य धन, ऐश्वर्य और समृद्धि प्राप्त करना है।

प्रश्न 2: कौन सा दिन महालक्ष्मी स्तोत्र के पाठ के लिए उपयुक्त है?

उत्तर: शुक्रवार का दिन विशेष रूप से महालक्ष्मी स्तोत्र के पाठ के लिए शुभ माना जाता है।

प्रश्न 3: क्या महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ रोज़ कर सकते हैं?

उत्तर: हां, महालक्ष्मी स्तोत्र का नियमित पाठ अत्यंत फलदायी होता है।

प्रश्न 4: स्तोत्र का पाठ कब तक करना चाहिए?

उत्तर: 41 दिनों तक नियमित रूप से स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

प्रश्न 5: महालक्ष्मी स्तोत्र के पाठ के समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर: पाठ के समय एकाग्रता, पवित्रता और गुप्तता का ध्यान रखना चाहिए।

प्रश्न 6: महालक्ष्मी स्तोत्र के प्रमुख लाभ क्या हैं?

उत्तर: धन, समृद्धि, मानसिक शांति, और शत्रुओं पर विजय इसके प्रमुख लाभ हैं।

प्रश्न 7: क्या महालक्ष्मी स्तोत्र सभी के लिए प्रभावी है?

उत्तर: हां, यह स्तोत्र सभी के लिए प्रभावी है, चाहे वे किसी भी स्थिति में हों।

प्रश्न 8: क्या स्तोत्र के पाठ के लिए किसी विशेष वस्त्र की आवश्यकता है?

उत्तर: सफेद या पवित्र वस्त्रों का उपयोग करना सर्वोत्तम माना जाता है।

प्रश्न 9: स्तोत्र का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

उत्तर: एक बार, तीन बार या अधिक बार दिन में स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

प्रश्न 10: क्या महालक्ष्मी स्तोत्र के दौरान किसी अन्य मंत्र का उपयोग किया जा सकता है?

उत्तर: हां, लक्ष्मी बीज मंत्र का उच्चारण भी साथ में किया जा सकता है।

प्रश्न 11: महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ किन लोगों के लिए विशेष लाभकारी है?

उत्तर: व्यापारी, गृहस्थ, विद्यार्थियों और साधकों के लिए यह स्तोत्र विशेष लाभकारी है।

प्रश्न 12: क्या स्तोत्र के साथ कोई अन्य उपाय करना चाहिए?

उत्तर: हां, मां लक्ष्मी की पूजा के साथ दीप जलाना और सफेद मिठाई चढ़ाना लाभकारी होता है।