Ganesh sankashta chaturthi vrat for success

गणेश संकष्टी चतुर्थी – व्रत, विधि, लाभ

सबके कार्य को सफल बनाने वाले भगवान श्री गणेश का महत्वपूर्ण दिन गणेश संकष्टी माना जाता है। गणेश संकष्टी चतुर्थी, जिसे सकट चौथ और विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में भगवान गणेश को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दौरान आने वाली चतुर्थी तिथि को विशेष रूप से महा सकट चौथ कहा जाता है।

गणेश संकष्टी मंत्र ॥ॐ गं ग्लौं गणपतये नमः॥ (OM GAMM GLAUM GANAPATAYE NAMAHA)

गणेश संकष्टी:

  • संकटों का नाश: ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं।
  • मनोकामना पूर्ति: भगवान गणेश बुद्धि और विद्या के देवता हैं। उनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • विघ्नों का नाश: भगवान गणेश विघ्नों के नाशक हैं। उनकी पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर होते हैं।
  • सुख-समृद्धि: भगवान गणेश धन और समृद्धि के देवता भी हैं। उनकी पूजा करने से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

गणेश संकष्टी व्रत से लाभ:

  • पापों का नाश: इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।
  • ग्रह दोषों का निवारण: यह व्रत ग्रह दोषों के निवारण के लिए भी लाभदायक होता है।
  • विद्या प्राप्ति: इस व्रत को करने से विद्या प्राप्ति में सफलता मिलती है।
  • व्यापार में वृद्धि: यह व्रत व्यापार में वृद्धि के लिए भी लाभदायक होता है।
  • नौकरी में सफलता: यह व्रत नौकरी में सफलता के लिए भी लाभदायक होता है।

गणेश संकष्टी व्रत विधि:

  • गणेश संकष्टी व्रत की तैयारी:
    • एकादशी के पूर्व दशमी तिथि को ब्रह्मचर्य रहे।
    • चतुर्थी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • गणेश संकष्टी पूजा विधि:
    • भगवान गणेश की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
    • उनको गंगाजल, दूध, घी, शहद और फूल अर्पित करें।
    • गणपति स्तोत्र और गणेश चालीसा का पाठ करें।
    • दीप प्रज्ज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती लगाएं।
    • भगवान गणेश को मोदक, लड्डू और अन्य मिठाई का भोग लगाएं।
    • रात्रि में भजन-कीर्तन करें।
  • गणेश संकष्टी व्रत का पारण:
    • अगले दिन पंचमी तिथि को सूर्योदय के बाद ही व्रत का पारण करें।
    • ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं और दान दें।
    • इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।

गणेश संकष्टी मे ध्यान रखने योग्य बातें:

  • गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, बीमार लोग और बच्चे इस व्रत को न रखें।
  • यदि आप व्रत नहीं रख सकते हैं तो भी आप इस दिन भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं और दान कर सकते हैं।

गणेश संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिंदू व्रत है। इस व्रत को करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं।

इस व्रत के अलावा, आप अपनी समस्या या इच्छा के अनुसार भगवान गणेश से विशेष प्रार्थना भी कर सकते हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *