Guruvar Vrat – Method, Rules, Divine Rewards
गुरुवार व्रत का महत्व – सुख, समृद्धि और शांति प्राप्ति का सरल उपाय
गुरुवार व्रत मुख्य रूप से भगवान बृहस्पति और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति धन, समृद्धि, और खुशहाली प्राप्त करता है। गुरुवार का दिन बृहस्पति देव को समर्पित है, जिनकी पूजा से ज्ञान, बुद्धि और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाएं करती हैं, लेकिन पुरुष भी इसे कर सकते हैं।
गुरुवार व्रत का मुहूर्त
गुरुवार व्रत का शुभ मुहूर्त हर गुरुवार सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्योदय तक होता है। शुभ समय में पूजा करने से भगवान बृहस्पति की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
व्रत विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
- पीले वस्त्र धारण करें।
- घर के पूजा स्थल को साफ करें।
- भगवान विष्णु और बृहस्पति की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
- पीले फूल, पीला फल, हल्दी और चने की दाल चढ़ाएं।
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- पीले रंग का प्रसाद चढ़ाकर व्रत कथा सुनें।
- दिनभर फलाहार करें और रात को हल्का भोजन करें।
गुरुवार व्रत मंत्र
व्रत के दौरान इस मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है:
“ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नमः”
इस मंत्र से व्यक्ति की बुद्धि, ज्ञान और आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं
खाएं:
- पीले रंग के फल (केला, आम)
- चने की दाल
- दूध और दूध से बने पदार्थ
- हल्दी का प्रयोग अधिक करें
न खाएं:
- मांसाहार और अंडे
- प्याज और लहसुन
- खट्टे खाद्य पदार्थ
व्रत कब से कब तक रखें
व्रत सूर्योदय से सूर्योदय तक रहता है। गुरुवार को व्रत का संकल्प लेकर दिनभर फलाहार करना चाहिए।
गुरुवार व्रत के लाभ
- आर्थिक समृद्धि में वृद्धि।
- ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि।
- परिवार में शांति और सुख।
- वैवाहिक जीवन में खुशहाली।
- संतोष और मानसिक शांति।
- बीमारियों से मुक्ति।
- भगवान विष्णु की कृपा।
- संतान प्राप्ति।
- दुश्मनों पर विजय।
- ऋणमुक्ति।
- सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति।
- घर में सुख-शांति।
- अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति।
- शत्रुओं से सुरक्षा।
- दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य।
- समाज में मान-सम्मान में वृद्धि।
- आध्यात्मिक उन्नति।
गुरुवार व्रत के नियम
- पीले वस्त्र धारण करें।
- केवल फलाहार करें।
- खट्टे खाद्य पदार्थ न खाएं।
- भगवान बृहस्पति की आराधना करें।
- ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
- पूरे दिन मन शांत रखें।
- सूर्यास्त के बाद हल्का भोजन करें।
गुरुवार व्रत की संपूर्ण कथा
प्राचीन काल की बात है, एक नगर में एक धनवान व्यापारी रहता था। वह व्यापारी बहुत ही धार्मिक था और भगवान विष्णु का भक्त था। उसकी पत्नी भी बहुत धर्मपरायण थी। वे दोनों मिलकर प्रतिदिन भगवान विष्णु की पूजा करते और गरीबों को दान-पुण्य भी करते थे। लेकिन, एक समय ऐसा आया जब व्यापारी का व्यापार डूब गया। उनके घर में धन का आभाव हो गया और उनका जीवन कठिनाइयों से भर गया।
व्यापारी की पत्नी ने यह स्थिति देखकर भगवान विष्णु से प्रार्थना की और उनसे समाधान मांगा। एक दिन व्यापारी की पत्नी को सपने में एक संत ने दर्शन दिए। उन्होंने कहा, “यदि तुम गुरुवार का व्रत रखोगी और नियमपूर्वक भगवान बृहस्पति और विष्णु की पूजा करोगी, तो तुम्हारी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी।”
यह सुनकर व्यापारी की पत्नी ने गुरुवार का व्रत करना प्रारंभ किया। उसने पूरे नियमों का पालन किया और सच्चे मन से भगवान बृहस्पति की पूजा की। कुछ ही समय में उसके जीवन में सुख और समृद्धि लौट आई। व्यापारी का व्यापार फिर से चलने लगा और परिवार में खुशहाली छा गई। इस प्रकार, गुरुवार व्रत से उनके जीवन में खुशहाली आई और उनके समस्त कष्ट दूर हो गए।
इसके बाद से ही गुरुवार व्रत को बहुत शुभ माना जाने लगा और इसे विशेष रूप से आर्थिक समृद्धि के लिए किया जाने लगा। यह कथा हमें सिखाती है कि श्रद्धा, विश्वास, और नियमों से किया गया व्रत निश्चित रूप से फलदायी होता है।
व्रत का भोग
गुरुवार व्रत में भगवान को पीले रंग का भोजन और मिठाई का भोग लगाया जाता है। खिचड़ी या हल्दी के साथ बना हुआ भोजन चढ़ाना शुभ माना जाता है। भोग के बाद प्रसाद बांटने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
व्रत की शुरुआत और समाप्ति
गुरुवार व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले स्नान कर संकल्प के साथ होती है। दिनभर पूजा और उपवास करके व्रत को सूर्यास्त के बाद हल्के भोजन से समाप्त किया जाता है। व्रत को निरंतर 16 गुरुवारों तक किया जाता है, लेकिन इसे जीवनभर भी किया जा सकता है।
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व्रत करते समय सावधानियां
- व्रत करते समय झूठ न बोलें।
- व्रत के दिन किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें।
- पूजा करते समय ध्यान और श्रद्धा से भगवान की आराधना करें।
- मन में किसी के प्रति द्वेष न रखें।
- परिवार में शांति बनाए रखें।
गुरुवार व्रत से संबंधित प्रश्न और उत्तर
1. प्रश्न: क्या गुरुवार व्रत सिर्फ महिलाओं के लिए होता है?
उत्तर: नहीं, यह व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों कर सकते हैं।
2. प्रश्न: व्रत के दिन किस दिशा की पूजा करनी चाहिए?
उत्तर: पूर्व दिशा में भगवान बृहस्पति की पूजा करें।
3. प्रश्न: व्रत का पालन करते समय क्या चीजें ध्यान में रखनी चाहिए?
उत्तर: पूजा विधि और व्रत के नियमों का पालन करना चाहिए।
4. प्रश्न: क्या गुरुवार व्रत के दिन खट्टे फल खा सकते हैं?
उत्तर: नहीं, व्रत के दिन खट्टे फल नहीं खाने चाहिए।
5. प्रश्न: गुरुवार व्रत कितने गुरुवारों तक करना चाहिए?
उत्तर: 16 गुरुवारों तक या जब तक मनोकामना पूरी न हो।
6. प्रश्न: क्या इस व्रत को पूरे साल कर सकते हैं?
उत्तर: हां, यह व्रत पूरे जीवनभर किया जा सकता है।
7. प्रश्न: गुरुवार व्रत से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: आर्थिक समृद्धि, सुख-शांति और भगवान की कृपा प्राप्त होती है।
8. प्रश्न: व्रत के दिन किस प्रकार का भोजन करना चाहिए?
उत्तर: फलाहार और पीले रंग का भोजन करना चाहिए।
9. प्रश्न: क्या व्रत के दिन यात्रा कर सकते हैं?
उत्तर: हां, लेकिन पूजा समय पर करनी चाहिए।
10. प्रश्न: क्या व्रत के दिन विवाह या शुभ कार्य कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, व्रत के दिन विवाह या अन्य शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
11. प्रश्न: क्या व्रत के दिन दान करना आवश्यक है?
उत्तर: हां, व्रत के दिन दान करना अत्यंत शुभ होता है।
12. प्रश्न: व्रत के दिन किस मंत्र का जाप करना चाहिए?
उत्तर: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।