Kalashtami- Security with remove obstacles in marriage

कालाष्टमी (Kala bhairav ashtami ) भगवान काल भैरव को समर्पित एक महत्वपूर्ण भारत मे मनाया जाने वाला हिंदू त्योहार है। काल भैरव शिव जी के रौद्र रूप माने जाते हैं। यह त्योहार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, लेकिन विशेष रूप से मार्गशीर्ष (नवंबर-दिसंबर) के महीने की कालाष्टमी को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

कालाष्टमी के दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन भगवान काल भैरव के मंत्रों का जाप, विशेष रूप से “ॐ भ्रं कालभैरवाय नमः” “OM BHRAMM KAALBHAIRAVAAY NAMAHA” का जाप, और उनके विशेष भजन और स्तोत्रों का पाठ करना शुभ माना जाता है। काल भैरव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन होता है, और कई लोग रात्रि जागरण करते हैं।

कालाष्टमी के लाभ

  1. नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा: भगवान काल भैरव को नकारात्मक शक्तियों और भूत-प्रेत से रक्षा करने वाला माना जाता है।
  2. धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति: काल भैरव की उपासना से व्यक्ति की धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  3. विवाह और संतान प्राप्ति: कुछ लोग काल भैरव की पूजा संतान प्राप्ति और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए करते हैं।
  4. स्वास्थ्य और समृद्धि: काल भैरव की कृपा से अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

पूजा विधि

  1. प्रातःकाल स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
  2. भगवान काल भैरव की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक और धूप जलाएं।
  3. चंदन, फूल, और नैवेद्य (भोग) अर्पित करें।
  4. काल भैरव के मंत्रों और स्तोत्रों का पाठ करें।
  5. काल भैरव की कथा सुनें या पढ़ें।
  6. अंत में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।

काल भैरव मंत्र

  • ॐ कालभैरवाय नमः “OM KAAL BHAIRAVAAY NAMAHA”
  • ॐ भयहरणं चंडाय कालभैरवाय नमः “OM BHAYA HARANAM CHANDAAY KAALBHAIRAVAAY NAMAHA”
  • ॐ भ्रं कालभैरवाय नमः “OM BHRAMM KAALBHAIRAVAAY NAMAHA”

कालाष्टमी का पालन करने से भगवान काल भैरव की कृपा प्राप्त होती है, जो भक्तों के जीवन से सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करती है और उन्हें सफलता, समृद्धि, और शांति प्रदान करती है।