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क्षेत्र यक्षिणी / Kshetra Yakshini Mantra

क्षेत्र यक्षिणी मंत्र से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव और सफलता

घर ऑफिस दुकान जमीन की रक्षा करने वाली क्षेत्र यक्षिणी. यह यक्षिणी किसी विशेष क्षेत्र या स्थान की सुरक्षा और प्रसन्नता के लिए पूजा की जाती है। पूजा के दौरान आपको उस स्थान के प्राचीनतम या प्रमुख मंदिरों में दीपाराधना, अर्चना, और प्रदक्षिणा करनी चाहिए। यह पूजा उस स्थान की सुरक्षा और समृद्धि के लिए की जाती है, और इसमें श्रद्धा और समर्पण का महत्व है। क्षेत्र यक्षिणी की पूजा का समय और विधि स्थान के स्थानीय परंपराओं और विशेषताओं पर निर्भर करता है।

क्षेत्र यक्षिणी मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र:
“ॐ ऐं ह्रीं क्रीं क्षेत्र यक्षिण्यै नमः”

अर्थ:
इस मंत्र में ‘ॐ’ ब्रह्मांड की आद्य शक्ति का प्रतीक है। ‘ऐं’ विद्या का, ‘ह्रीं’ शक्ति का और ‘क्रीं’ शक्ति के प्रचंड रूप का प्रतीक है। ‘क्षेत्र यक्षिण्यै’ का अर्थ है उस देवी को नमन, जो किसी स्थान (क्षेत्र) की रक्षा करती हैं। यह मंत्र व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षात्मक घेरा बनाता है और सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।

क्षेत्र यक्षिणी मंत्र के लाभ

  1. यह मंत्र घर या स्थान की सुरक्षा में सहायक होता है।
  2. शत्रु या विरोधी से रक्षा होती है।
  3. मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  4. नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाव होता है।
  5. व्यापार में स्थिरता और उन्नति होती है।
  6. परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।
  7. कानूनी मामलों में जीत प्राप्त होती है।
  8. भूमि या संपत्ति विवादों में विजय प्राप्त होती है।
  9. यात्रा में सुरक्षा और सफलता मिलती है।
  10. कार्यक्षेत्र में तरक्की होती है।
  11. धन-संपत्ति की रक्षा होती है।
  12. स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति मिलती है।
  13. आर्थिक संकट दूर होते हैं।
  14. संपत्ति की चोरी से सुरक्षा मिलती है।
  15. घर या स्थान की नकारात्मकता दूर होती है।
  16. देवी की कृपा से आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  17. यह मंत्र विशेष रूप से बुरी नजर और जादू-टोने से सुरक्षा प्रदान करता है।

मंत्र जप विधि

इस मंत्र का जप सुबह के समय या संध्या के समय किया जा सकता है। मंत्र जप से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। एक शुद्ध और शांत स्थान का चयन करें, जहाँ कोई बाधा न हो। मंत्र का उच्चारण शुद्धता और समर्पण के साथ करें।

मंत्र जप की अवधि

मंत्र का जप 11 से 21 दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए। इस अवधि में व्यक्ति को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव और देवी की कृपा प्राप्त होती है। नियमित जप करने से इसका प्रभाव बढ़ जाता है।

मंत्र जप के लिए सामग्री

  1. रुद्राक्ष या तुलसी की माला
  2. स्वच्छ आसन (लाल या पीला)
  3. घी का दीपक
  4. धूप या अगरबत्ती
  5. शुद्ध जल का पात्र

मंत्र जप संख्या

प्रतिदिन 11 माला का जप करना चाहिए। एक माला में 108 मंत्र होते हैं, इसलिए कुल 1188 मंत्र प्रतिदिन जपने चाहिए। यह संख्या देवी क्षेत्र यक्षिणी की कृपा शीघ्र प्राप्त करने में सहायक होती है।

मंत्र जप के नियम

  1. मंत्र जप करने वाले की आयु 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
  4. धूम्रपान, मांसाहार और तामसिक भोजन से दूर रहें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. जप के दौरान मन एकाग्र और शांत होना चाहिए।

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जप के दौरान सावधानियां

  1. जप के समय ध्यान रखें कि कोई बाहरी विक्षेप न हो।
  2. मंत्र का सही उच्चारण करें, जिससे उसका पूर्ण प्रभाव प्राप्त हो।
  3. माला को साफ और शुद्ध रखें, और इसे जमीन पर न रखें।
  4. जप के लिए शांत और सकारात्मक ऊर्जा वाले स्थान का चयन करें।

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क्षेत्र यक्षिणी मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

1. क्षेत्र यक्षिणी मंत्र कब जपें?

सुबह या संध्या के समय इस मंत्र का जप करना सबसे उत्तम होता है। इस समय वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है।

2. मंत्र जप कितने दिन तक करना चाहिए?

मंत्र का जप 11 से 21 दिनों तक प्रतिदिन करना चाहिए। इस अवधि में देवी की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

3. क्या इस मंत्र का जप स्त्रियां भी कर सकती हैं?

हां, स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं। यह मंत्र सभी के लिए समान रूप से प्रभावी है।

4. मंत्र जप के लिए कौन से वस्त्र पहनने चाहिए?

मंत्र जप के दौरान लाल या पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। नीले और काले वस्त्रों से बचना चाहिए।

5. क्या मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखाई देता है?

नियमित और शुद्ध भावना से किया गया मंत्र जप 11 से 21 दिनों में सकारात्मक परिणाम दिखाना शुरू कर देता है।

6. क्या यह मंत्र व्यापार और संपत्ति की सुरक्षा में सहायक है?

हां, क्षेत्र यक्षिणी मंत्र व्यापार, संपत्ति और घर की सुरक्षा के लिए अत्यंत प्रभावी है। इससे आर्थिक उन्नति और संपत्ति की रक्षा होती है।

7. मंत्र जप के दौरान क्या ध्यान रखें?

मंत्र जप करते समय शुद्धता, समर्पण और एकाग्रता बनाए रखें। बाहरी विक्षेप से बचने का प्रयास करें।

8. क्या इस मंत्र का जप यात्रा के समय भी किया जा सकता है?

हां, यात्रा के समय सुरक्षा के लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है। इससे दुर्घटनाओं और अनहोनी घटनाओं से बचाव होता है।

9. क्या मंत्र जप के दौरान भोजन में किसी प्रकार का परहेज है?

मंत्र जप के दौरान तामसिक भोजन, मांसाहार और नशा से बचना चाहिए। शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण करना उचित होता है।

10. मंत्र जप का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

प्रातःकाल या संध्या समय मंत्र जप के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इन समयों में वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है।

11. क्या यह मंत्र कानूनी मामलों में भी सहायक होता है?

हां, यह मंत्र कानूनी मामलों और विवादों में विजय प्राप्त करने में सहायक होता है।

12. क्या यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों से भी रक्षा करता है?

हां, क्षेत्र यक्षिणी मंत्र विशेष रूप से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।

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