Description
ये श्रीं यंत्र ११०० लक्ष्मी मंत्र से प्राणप्रतिष्ठित (energise) किया गया है। हर तरह का सुख प्रदान करने वाली श्री यंत्र एक प्रमुख यंत्र माना जाता है, इसकी स्वामी षोडशी माता मानी जाती है। जो देवी लक्ष्मी को समर्पित होता है और धन, समृद्धि, और सौभाग्य की प्राप्ति में सहायक होता है। श्री यंत्र को उपासना और पूजन के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उपयोग से व्यक्ति को धन, शौर्य, स्थिति, स्त्री लाभ, पुत्र प्राप्ति, विद्या, वाहन, धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष और जीवन के सभी क्षेत्रों में समृद्धि मिल सकती है।
श्री यंत्र का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित कदम अनुसरण करें:
- श्री यंत्र का चयन: उपयोगकर्ता को श्री यंत्र का चयन करना चाहिए जो उनकी इच्छाओं और उद्देश्यों को प्रकट करता है।
- पूजा की विधि: श्री यंत्र को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान कराएं, और उसे गंगा जल और कुमकुम से अभिषेक करें। फिर धूप, दीप, नैवेद्य, और पुष्प चढ़ाएं।
- मंत्रों का जाप: श्री यंत्र के साथ निरंतर मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद स्वाहा”।
- नियमितता: श्री यंत्र की पूजा को नियमित रूप से करना चाहिए और श्रद्धा भाव से करना चाहिए।
- समर्पण: पूजा के दौरान मन में धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए संकल्प लेकर करें।
इस प्रकार, श्री यंत्र के उपयोग से व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकता है।
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