Pushya nakshatra nature & rashi

पुष्य नक्षत्र वाले ब्यक्ति का स्वभाव, नक्षत्र स्वामी, लाभ व मंत्र

पुष्य नक्षत्र के जातक अत्यंत संवेदनशील और सजीव होते हैं। उनमें एक प्रकार की अद्भुत आत्मा की भावना होती है और वे अक्सर दूसरों की मदद करने और समर्थन प्रदान करने में रुचि रखते हैं। इनकी प्रवृत्ति धर्म, सेवा, और परम्परागत मूल्यों के प्रति समर्पित होती है।

पुष्य नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि होता है। शनि के गुण जैसे की परिश्रम करना, समझ, और उदारता इन जातकों को प्राप्त होते हैं। इनके हर कार्य मे अडचन आती है, लेकिन अंत मे सफल होते है। और कर्क राशि होने की वजह से संवेदनशीलता इनमे बनी रहती है। इसलिये हर बात का इन पर प्रभाव होता रहता है।

पुष्य नक्षत्र के जातकों का लाभ है कि उन्हें अपने विचारों को प्रकट करने और समस्याओं का समाधान करने में कुशलता मिलती है। वे अपनी ऊर्जा को सही दिशा में ले जाने में सक्षम होते हैं और अपने लक्ष्यों को हासिल करने में समर्थ होते हैं।

पुष्य नक्षत्र का मंत्र है “ॐ ह्रीं पुष्याय नमः” “OM HREEM PUSHYAAY NAMA”। इस मंत्र का जाप करने से पुष्य नक्षत्र के शुभ गुणों का अनुभव होता है और व्यक्ति को उसके विचारों को साफ़ करने और नए दिशाओं में उन्मुख करने की प्रेरणा मिलती है।

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