अलौकिक शक्ति के साथ नंत्र के प्रभाव को नष्ट करने वाली उच्छिष्ट यक्षिणी एक प्राचीन तंत्रिक देवी हैं जिन्हें उच्छिष्ट माता भी कहा जाता है कि उच्छिष्ट यक्षिणी का साधना करने से साधक के परिवार, ब्यापार को सुरक्षा मिलती है। इस साधना को झूठे मुंह किया जाता है.
उच्छिष्ट यक्षिणी एक प्रमुख तंत्रिका देवी हैं जो विशेष रूप से भौतिक सुख, कार्य सिद्धि, और धन के आकर्षण में मदद करती हैं। उनकी पूजा और मंत्र जाप से व्यक्ति के जीवन में कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। इनके मंत्र का जप मुंह मे लौंग रखकर किया जाता है।
उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र और उसका अर्थ
उच्छिष्ट यक्षिणी का मंत्र है:
॥ॐ ह्रीं उच्छिष्टायै यक्षिण्यै स्वाहा ॥
मंत्र का अर्थ:
- ॐ: यह ब्रह्मा, विष्णु, शिव, और सृष्टि के समग्र ऊर्जा का प्रतीक है।
- ह्रीं: यह बीज मंत्र उच्छिष्ट यक्षिणी की शक्ति को सक्रिय करता है और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
- उच्छिष्टायै: इसका अर्थ है “जो अपनी शक्ति से जीवन में उन्नति लाती हैं”।
- यक्षिण्यै: यक्षिणी, एक देवी, जो धन, सुख और समृद्धि का वरदान देती हैं।
- स्वाहा: इसका अर्थ है “प्रणाम” या “अर्पण”।
इस मंत्र का अर्थ है: “ॐ (सर्वशक्तिमान ऊर्जा), ह्रीं (उच्छिष्ट यक्षिणी की शक्ति), उच्छिष्टायै (जो उन्नति लाती हैं), यक्षिण्यै (धन और सुख की देवी), मैं आपको प्रणाम करता हूँ।”
उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र के लाभ
- भौतिक सुख: उच्छिष्ट यक्षिणी की पूजा से भौतिक सुख और आराम प्राप्त होता है।
- कार्य सिद्धि: किसी भी कार्य को सफल बनाने में मदद करती हैं।
- धन का आकर्षण: धन और समृद्धि को आकर्षित करती हैं।
- सुख समृद्धि: जीवन में सुख और समृद्धि लाती हैं।
- शत्रु बाधा: शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करती हैं और बाधाओं को दूर करती हैं।
- तंत्र बाधा: तंत्रिक बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है।
- बुरी आर्थिक स्थिति से राहत: आर्थिक समस्याओं का समाधान करती हैं।
- मनोकामना पूर्ति: आपकी इच्छाओं और मनोकामनाओं को पूरा करती हैं।
- गृहस्थ सुख: गृहस्थ जीवन में सुख और शांति लाती हैं।
- विवाहित जीवन में सुधार: विवाहित जीवन को खुशहाल बनाती हैं।
- जीवनसाथी के साथ संबंध मजबूत: जीवनसाथी के साथ संबंधों को मजबूत करती हैं।
- स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं।
- सकारात्मक ऊर्जा: सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करती हैं।
- सफलता: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।
- संतान सुख: संतान सुख प्राप्त करने में सहायक होती हैं।
- बुद्धि में वृद्धि: बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
- शारीरिक शक्ति: शारीरिक ताकत और ऊर्जा को बढ़ाती हैं।
- संकटों का नाश: जीवन में आने वाले संकटों को दूर करती हैं।
- आर्थिक उन्नति: आर्थिक स्थिति में सुधार करती हैं।
- मनोवैज्ञानिक शांति: मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करती हैं।
उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र की पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- शुद्ध जल: अभिषेक के लिए।
- गंगाजल: विशेष पूजन के लिए।
- फूल: देवी को अर्पित करने के लिए।
- पान के पत्ते: पूजा में शामिल करने के लिए।
- धूप: वातावरण को पवित्र करने के लिए।
- दीपक: पूजा में दीप प्रज्वलित करने के लिए।
- चंदन: तिलक के लिए।
- दूध: अभिषेक के लिए।
- दही: अभिषेक के लिए।
- घी: दीपक जलाने के लिए।
- शहद: अभिषेक के लिए।
- फ्रूट्स और मिठाई: प्रसाद के रूप में अर्पित करने के लिए।
- रुद्राक्ष माला: जाप के लिए।
उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र मुहूर्त, दिन और अवधि
- मुहूर्त: उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र का जाप प्रातः काल या संध्या काल में करना श्रेष्ठ होता है। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को इस मंत्र का जाप अधिक प्रभावी माना जाता है।
- दिन: मंगलवार, शनिवार, और पूर्णिमा विशेष दिन होते हैं।
- अवधि: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। इसे रुद्राक्ष माला से किया जा सकता है।
उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र सावधानियाँ
- शुद्धता: मंत्र जाप के समय शरीर और मन की शुद्धता आवश्यक है।
- नियमितता: मंत्र जाप नियमित रूप से करना चाहिए।
- सात्विक आहार: सात्विक आहार का सेवन करें।
- मन की एकाग्रता: मंत्र जाप के समय मन को एकाग्र रखें।
- शुद्ध स्थान: साफ और पवित्र स्थान पर बैठकर मंत्र जाप करें।
- श्रद्धा और विश्वास: मंत्र जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र FAQ
1. उच्छिष्ट यक्षिणी कौन हैं?
उच्छिष्ट यक्षिणी एक प्रमुख तंत्रिका देवी हैं, जो विशेष रूप से भौतिक सुख, कार्य सिद्धि, धन का आकर्षण और समृद्धि लाने के लिए पूजी जाती हैं।
2. उच्छिष्ट यक्षिणी का मंत्र क्या है?
उच्छिष्ट यक्षिणी का मंत्र है: “॥ॐ ह्रीं उच्छिष्टायै यक्षिण्यै स्वाहा ॥”
3. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
इस मंत्र का जाप प्रातः काल या संध्या काल में करना श्रेष्ठ होता है। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को इसका जाप अधिक प्रभावी माना जाता है।
4. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र का क्या लाभ है?
इस मंत्र से भौतिक सुख, कार्य सिद्धि, धन का आकर्षण, सुख-समृद्धि, शत्रु बाधा, तंत्र बाधा, बुरी आर्थिक स्थिति से राहत, मनोकामना पूर्ति, गृहस्थ सुख, विवाहित जीवन में सुधार, और जीवनसाथी के साथ संबंध मजबूत होते हैं।
5. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए?
मंत्र का जाप शुद्ध और पवित्र स्थान पर, शुद्ध मन और शरीर के साथ करना चाहिए। इसे रुद्राक्ष माला से 108 बार जाप करें।
6. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र के जाप में किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है?
शुद्ध जल, गंगाजल, फूल, पान के पत्ते, धूप, दीपक, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, फल, मिठाई, और रुद्राक्ष माला।
7. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र का जाप कौन कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति जो श्रद्धा और विश्वास के साथ जाप करना चाहता है, इस मंत्र का जाप कर सकता है।
8. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र के जाप के लिए विशेष दिन कौन से होते हैं?
मंगलवार, शनिवार, और पूर्णिमा विशेष दिन होते हैं।
9. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र के जाप के समय कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
शुद्धता, नियमितता, सात्विक आहार, मन की एकाग्रता, शुद्ध स्थान, और श्रद्धा व विश्वास।
10. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से पापों की मुक्ति होती है?
हाँ, इस मंत्र के जाप से पापों की मुक्ति प्राप्त होती है।
11. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से मोक्ष प्राप्ति संभव है?
इस मंत्र से मोक्ष प्राप्ति के द्वार खुल सकते हैं, लेकिन यह मुख्य रूप से भौतिक और मानसिक जीवन में लाभकारी है।
12. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से भौतिक जीवन में क्या लाभ होता है?
इस मंत्र से भौतिक जीवन में सुख, समृद्धि, और कार्य सिद्धि प्राप्त होती है।
13. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से आर्थिक उन्नति कैसे होती है?
इस मंत्र से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और बुरी आर्थिक स्थिति से राहत मिलती है।
14. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से गृहस्थ जीवन में क्या लाभ होता है?
गृहस्थ जीवन में सुख और शांति प्राप्त होती है और विवाहित जीवन में सुधार होता है।
15. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से जीवनसाथी के साथ संबंध कैसे मजबूत होते हैं?
मंत्र के जाप से जीवनसाथी के साथ संबंध बेहतर होते हैं और आपसी समझ में वृद्धि होती है।
16. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से स्वास्थ्य पर क्या असर होता है?
यह मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
17. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से सकारात्मक ऊर्जा कैसे प्राप्त होती है?
मंत्र के जाप से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मकता दूर होती है।
18. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र के जाप की अवधि कितनी होनी चाहिए?
मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
19. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र से जीवन में क्या संकट दूर होते हैं?
इस मंत्र से जीवन में आने वाले संकटों और समस्याओं का नाश होता है।
20. उच्छिष्ट यक्षिणी मंत्र के जाप के लिए कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?
शुद्ध जल, गंगाजल, फूल, पान के पत्ते, धूप, दीपक, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, फल, मिठाई, और रुद्राक्ष माला की आवश्यकता होती है।
निष्कर्ष
उच्छिष्ट यक्षिणी की पूजा और उनके मंत्र का जाप भौतिक जीवन में सुख, समृद्धि, और कार्य सिद्धि प्राप्त करने में अत्यंत सहायक होता है। यह पूजा धन का आकर्षण, आर्थिक उन्नति, और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करने में भी प्रभावी है। उच्छिष्ट यक्षिणी के विशेष रूप से भौतिक और मानसिक जीवन में लाए जाने वाले लाभ व्यक्ति को सकारात्मक और सुखमय जीवन जीने में मदद करते हैं।