Vinayak Chaturthi- Free from Obstacles

विनायक चतुर्थी व्रत:
विनायक चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जिसे गणेश चतुर्थी भी कहा जाता है। यह व्रत भगवान गणेश की पूजा और अर्चना के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग गणेश जी के प्रतिमा की स्थापना करते हैं और उन्हें विभिन्न प्रकार की प्रसाद समर्पित करते हैं। विनायक चतुर्थी का व्रत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है।

मुहुर्त:
विनायक चतुर्थी का मुहूर्त सुबह से लेकर सूर्यास्त तक माना जाता है। इस दिन परिवार के साथ मंदिर जाकर दर्शन करना शुभ माना जाता है।

विधि:

  1. विनायक चतुर्थी के दिन उद्यापन के लिए गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें।
  2. प्रारंभिक पूजा के बाद, गणेश जी को लाल फूल, मिठाई, फल, और नैवेद्य समर्पित करें।
  3. गणेश जी की पूजा के बाद, उनकी आरती उतारें और विशेष प्रसाद बांटें।
  4. भक्ति भाव से गणेश जी की भक्ति करें और उनकी कृपा की प्रार्थना करें।
  5. विनायक मंत्र ॥ॐ गं गणपतये विनायकाय कार्य सिद्धिं कुरु कुरु नमः॥ “OM GANAPATAYE VINAAYAKAAY KARYA SIDDHIM KURU KURU NAMAHA”

लाभ:

  1. विनायक चतुर्थी का व्रत करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और वे सभी कष्टों और संकटों से मुक्ति प्रदान करते हैं।
  2. इस व्रत से धन, समृद्धि, सौभाग्य, और सुख की प्राप्ति होती है।
  3. विनायक चतुर्थी का पालन करने से व्यक्ति के मन में शांति और सकारात्मकता की भावना उत्पन्न होती है।