Chitra nakshatra nature & rashi

चित्रा नक्षत्र भारतीय ज्योतिष में महत्वपूर्ण नक्षत्र माना जाता है। इसका स्वामी मंगल ग्रह है। यह नक्षत्र कन्या राशि के प्रथम चार चरणों में फैला हुआ है। चित्रा नक्षत्र में जन्मे जातक स्वभाव से साहसी, आत्मविश्वासी, और महत्वाकांक्षी होते हैं। इनमें नेतृत्व की क्षमता कूट-कूट कर भरी होती है। ये लोग समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं और उच्च पदों पर आसीन होते हैं।

चित्रा नक्षत्र के जातक के गुण:

  • पृथ्वी तत्व से जुडे कार्य करने मे इनका ध्यान ज्यादा होता है।
  • पराक्रमी: ये लोग साहसी होते हैं और कठिन परिस्थितियों का सामना करने में हिम्मत नहीं हारते।
  • दानशील: ये लोग दानी होते हैं और जरूरतमंदों की मदद करने में हमेशा आगे रहते हैं।
  • बुद्धिमान: इनकी बुद्धि तीव्र होती है और ये लोग जल्दी सीख लेते हैं।
  • रचनात्मक: इनमें कलात्मक प्रतिभा होती है और ये लोग रचनात्मक कार्यों में रुचि रखते हैं।
  • प्रेमी: ये लोग प्रेम करने वाले होते हैं और अपने प्रियजनों के प्रति समर्पित रहते हैं।

चित्रा नक्षत्र स्वामी:

जैसा कि पहले बताया गया है, चित्रा नक्षत्र का स्वामी मंगल ग्रह है। मंगल ग्रह को पराक्रम का ग्रह माना जाता है। ये साहस, ऊर्जा, और आत्मविश्वास के प्रतीक हैं।

चित्रा नक्षत्र राशि:

यह नक्षत्र कन्या राशि के प्रथम चार चरणों में फैला हुआ है। कन्या राशि पृथ्वी तत्व राशि है।

चित्रा नक्षत्र लाभ:

  • उच्च पद: इनके योग उच्च पद प्राप्ति के होते हैं।
  • धन-संपत्ति: इनको धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  • सुख-समृद्धि: इनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  • यश: ये लोग जीवन में यश प्राप्त करते हैं।
  • मान-सम्मान: इन्हें समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।

चित्रा नक्षत्र मंत्र:

  • मंगल मंत्र: “ॐ क्रां क्रीं क्रौं मंगलाय नमः” “OM KRAAM KREEM KROMM MANGALAAY NAMAHA”

चित्रा नक्षत्र में जन्मे जातक भाग्यशाली होते हैं और इनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यदि आप भी इस नक्षत्र में जन्मे हैं तो मंगल ग्रह की आराधना अवश्य करें।

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