Swati nakshatra nature & rashi

स्वाति नक्षत्र- स्वभाव, नक्षत्र स्वामी, राशि, लाभ एवं मंत्र

स्वाति नक्षत्र का स्वामी राहु ग्रह है। यह नक्षत्र कन्या राशि के अंतिम दो चरणों और तुला राशि के प्रथम दो चरणों में फैला हुआ है। स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातक स्वभाव से बुद्धिमान, रचनात्मक, और कलात्मक होते हैं। इनमें कला, संगीत, और नृत्य में रुचि होती है। ये लोग समाज में लोकप्रिय होते हैं और सभी का प्यार प्राप्त करते हैं।

स्वाति नक्षत्र के गुण :

  • प्रेमी: ये लोग प्रेम करने वाले होते हैं और अपने प्रियजनों के प्रति समर्पित रहते हैं।
  • दयालु: ये लोग दयालु होते हैं और दूसरों की मदद करने में हमेशा आगे रहते हैं।
  • धैर्यवान: ये लोग धैर्यवान होते हैं और कठिन परिस्थितियों का सामना धैर्य से करते हैं।
  • बुद्धिमान: इनकी बुद्धि तीव्र होती है और ये लोग जल्दी सीख लेते हैं।
  • सफल: ये लोग जीवन में सफल होते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करते हैं।

नक्षत्र स्वामी:

जैसा कि पहले बताया गया है, स्वाति नक्षत्र का स्वामी राहु ग्रह है। राहु ग्रह को रहस्य, भ्रम, और मोह का ग्रह माना जाता है। कुंडली मे अगर राहु कमजोर है तो ये लोग बिना सोचे कुछ भी बोल देते है, इसलिये सोच समझकर बोलना चाहिये।

स्वाति नक्षत्र राशि:

यह नक्षत्र कन्या राशि के अंतिम दो चरणों और तुला राशि के प्रथम दो चरणों में फैला हुआ है। कन्या राशि पृथ्वी तत्व राशि है और तुला राशि वायु तत्व राशि है।

स्वाति नक्षत्र लाभ:

  • सुख-समृद्धि: इनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
  • धन-संपत्ति: इनको धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  • यश: ये लोग जीवन में यश प्राप्त करते हैं।
  • मान-सम्मान: इन्हें समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।
  • पारिवारिक सुख: इनके पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

स्वाति नक्षत्र मंत्र:

  • राहु मंत्र: “ॐ ह्रीं रां राहवे नमः” “OM HREEM RAMM RAAHAVE NAMAHA”

स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातक भाग्यशाली होते हैं और इनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यदि आप भी इस नक्षत्र में जन्मे हैं तो राहु ग्रह के मंत्र जप अवश्य करें.

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