Panchamukhi ganesha mantra for strong protection

पंचमुखी गणेश भगवान गणेश का एक प्रचंड शक्तिशाली स्वरूप है. ये हर तरह के कार्य मे आने वाले विघ्न का नाश करते है. जिसमें पांच मुख होते हैं। प्रत्येक मुख एक अलग अलग दिशा में होता है और अलग अलग शक्ति को प्रतिनिधित्व करता है। भगवान पंचमुखी गणेश को अक्सर पंचमुख विनायक या पंचवक्त्र भी कहा जाता है। पंचमुखी गणेश, भगवान गणेश के पांच मुख वाले स्वरूप का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह स्वरूप पांच तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और आकाश का प्रतीक है। पंचमुखी गणेश मंत्र का जाप करने से साधक को हर तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सफलता एवं समृद्धि प्राप्त होती है।

भगवान श्रीं पंचमुखी गणेश के मुख और उनके अर्थ

  • वाम मुख: यह मुख वक्रतुंड कहलाता है और यह बुद्धि का प्रतीक है।
  • दक्षिण मुख: यह मुख एकदंत कहलाता है और यह संपन्नता का प्रतीक है।
  • पूर्व मुख: यह मुख तत्पुरुष कहलाता है और यह ज्ञान का प्रतीक है।
  • पश्चिम मुख: यह मुख घोर कहलाता है और यह शक्ति का प्रतीक है।
  • ऊर्ध्व मुख: यह मुख सर्वशक्ति कहलाता है और यह आध्यात्मिकता का प्रतीक है।

पंचमुखी गणेश मंत्र

मंत्रः

“ॐ गं ग्लौं पंचमुखे गणेशाय गं नमः”

विधि

1. स्थान चयन: मंत्र जाप के लिए एक शुद्ध और शांत स्थान का चयन करें। पूजा स्थान साफ-सुथरा होना चाहिए।
2. स्नान: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3. पूजा सामग्री: पंचमुखी गणेश की मूर्ति या चित्र, धूप, दीप, फूल, नैवेद्य (फल, मिठाई), जल, अक्षत (चावल), और पीले वस्त्र।
4. मूर्ति स्थापना: गणेश जी की मूर्ति को पीले वस्त्र पर स्थापित करें।
5. ध्यान और प्रार्थना: दीपक जलाकर गणेश जी का ध्यान करें और प्रार्थना करें।
6. मंत्र जाप: पहले 108 बार या निर्धारित संख्या में मंत्र का जाप करें।
7. नैवेद्य: प्रसाद चढ़ाएं और मंत्र का उच्चारण करते हुए ध्यान केंद्रित करें।
8. आरती: अंत में गणेश जी की आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें।

श्री पंचमुखी गणेश के पूजा के लाभ

1. बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि: इस मंत्र का जाप करने से बुद्धि का विकास होता है और ज्ञान में वृद्धि होती है।
2. विघ्नों का नाश: जीवन में आने वाले सभी विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं।
3. समृद्धि: आर्थिक स्थिति में सुधार आता है और समृद्धि प्राप्त होती है।
4. स्वास्थ्य लाभ: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
5. शांति: मन की शांति प्राप्त होती है और तनाव दूर होता है।
6. सकारात्मक ऊर्जा: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
7. संतान प्राप्ति: संतान सुख की प्राप्ति होती है।
8. रोगों से मुक्ति: विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
9. विवाह में सफलता: विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।
10. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति होती है।
11. साहस और धैर्य: साहस और धैर्य में वृद्धि होती है।
12. दुष्ट शक्तियों से रक्षा: दुष्ट शक्तियों से रक्षा होती है।
13. व्यवसाय में वृद्धि: व्यवसाय में सफलता और वृद्धि होती है।
14. संबंधों में सुधार: परिवारिक और सामाजिक संबंधों में सुधार होता है।
15. धन प्राप्ति: धन की प्राप्ति होती है।
16. आत्मविश्वास: आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
17. मंत्र सिद्धि: मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।
18. योग्यता और प्रतिभा में वृद्धि: योग्यता और प्रतिभा में वृद्धि होती है।
19. अवरोधों का नाश: जीवन के सभी अवरोध दूर होते हैं।
20. ईश्वर की कृपा: ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।

दिन और अवधि

उत्तम दिन: बुधवार और चतुर्थी तिथि को इस मंत्र का जाप करना विशेष लाभकारी होता है।
अवधि: प्रतिदिन 21 दिन या 40 दिन तक इस मंत्र का जाप करना श्रेष्ठ होता है। जाप की संख्या 108 बार होनी चाहिए।

सावधानियाँ

1. स्वच्छता: मंत्र जाप करते समय शुद्धता और स्वच्छता का ध्यान रखें।
2. श्रद्धा: मंत्र का जाप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
3. दिशा: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके मंत्र जाप करें।
4. नियमितता: नियमित रूप से मंत्र जाप करें।
5. सात्विकता: सात्विक आहार का सेवन करें और अशुद्ध विचारों से दूर रहें।
6. समय: प्रातःकाल या संध्याकाल का समय मंत्र जाप के लिए सर्वोत्तम होता है।
7. ध्यान: ध्यान करते समय मन को एकाग्र रखें और भटकने न दें।
8. सहनशीलता: धैर्य और सहनशीलता के साथ मंत्र जाप करें।
9. नियमों का पालन: पूजा के नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें।
10. संगीत: हल्का भजन या संगीत बजाएं जो ध्यान केंद्रित करने में सहायक हो।

अंत में

पंचमुखी गणेश मंत्र का जाप व्यक्ति के जीवन में अद्भुत परिवर्तन ला सकता है। इसके नियमित जाप से न केवल भौतिक बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। यह मंत्र व्यक्ति को हर प्रकार की बाधाओं से मुक्त करता है और उसे सफलता, समृद्धि, और शांति की ओर अग्रसर करता है। धार्मिक विधि और सावधानियों का पालन करते हुए इस मंत्र का जाप करने से निश्चित ही भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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